अगर आपका बॉस आपको सैलेरी ना दे तो क्या आप भी उठाएंगे ऐसा कदम, वैसे देखा जाए तो इस समय कोरोना की वजह से लोगों के ऊपर परेशानियों का पहाड़ सा टूटा हुआ है। इस मुसीबत से कुछ लोग लड़ पा रहे हैं और कुछ लोग टूट रहे हैं।
अब ऐसे में समस्या तो सभी के सामने है, अब चाहे कोई अमीर हो या गरीब। लेकिन इतना है कि जो अमीर है उसके पास बैकप होने की वजह से उसका जीवन नरम है और गरीब तबके के लोग हैं उनके साथ समस्या इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि उनके पास कोई बैकप नहीं, बेचारा गरीब, मजदूर तो रोज़ कमाता है और रोज़ ही खाता है।
अब ऐसे में कमाई बंद हो जाए तो खाने के लाले पड़ेंगे ही और जब खाने के लाले पड़ते हैं तो कुछ लोग ऐसे कदम तक उठाने के लिए मजबूर हो जाते हैं जैसा इस व्यक्ति ने उठाया।
जी हां, बतादें आपको कि एक पिता को 3 महीने की सैलरी नहीं मिली तो उसने जुड़वा बच्चों को सड़क पर छोड़ दिया और भाग गया। अब आपको पूरा मामला बताते हैं, कि एक पिता को 3 महीने से सैलेरी ही नहीं मिली थी इसलिए उसने ये कदम उठाया।
दरअसल दिल्ली के 5 शाम नाथ मार्ग पर नरेश नाम के एक व्यक्ति ने अपने जुड़वा बच्चों को लावरिस छोड़ दिया। जब सिक्योरिटी गार्ड से पुलिस को इस बात की खबर मिली तो उन्होंने बच्चों को तुरंत उनके माता-पिता के पास सही सलामत पहुंचा दिया।
बच्चों को छोड़ने के पीछे पिता का तर्क था कि उसे पिछले तीन महीनों से सैलरी नहीं मिली है। बतादें कि पिता नरेश उत्तर पूर्वी दिल्ली के गंगा विहार में रहता है। उसे ऑफिस से तीन महीने की सैलरी न मिलने पर वो शिकायत करने शुक्रवार दोपहर 5 श्याम नाथ मार्ग स्थित आईएएस अधिकारी केएस मीणा के दफ्तर गया था।
ऐसे में डीडीएमए में सीईओ के रूप में काम करने वाले केएस मीणा ने नरेश से कहा कि ये तुम्हारे ऑफिस का आपसी मामला है। तुम्हें वहां जाकर इस विषय में बात करनी चाहिए। इसके बाद नरेश उनके ऑफिस के बाहर जाकर बैठ गया।
फिर वहां जैसे ही पुलिस आई तो वह अपने जुड़वा बच्चों को छोड़ भाग गया। बाद में सिक्योरिटी गार्ड ने इस बात की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद बच्चों को उनके पेरेंट्स के पास पहुंचाया गया। जानकारी के मुताबिक नरेश ज्योतिबा फुले हाउसिंग सोसाइटी में क्लर्क की नौकरी करता है।
वैसे देखा जाए तो कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को ऐसे नहीं छोड़ सकते हैं। अब ये तो पीड़ित पिता और उसका ईश्वर ही जानता होगा कि वास्तव में सच्चाई क्या है।
लेकिन हां इतना ज़रूर है कि समस्या हर किसी के जीवन में आती है, लेकिन समस्या से लड़कर आगे बढ़ना ही बड़ी बात होती है। कहते हैं ना कि नदी में बहाव की दिशा में तो हर कोई तैर लेता है, लेकिन अच्छा तैराक वही होता है जो नदी में पानी के बहाव के विपरित दिशा में तैरकर अपने जीवन की नईया पार करता है, इसलिए हम सभी को संयम से काम लेना चाहिए, क्योंकि हमें ही अपना और अपनों का ख्याल रखना होता है।
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