सकारात्मकता ही वह रास्ता है, जिस पर चल के ,मनुष्य सब कुछ हासिल कर सकता है। गत महीनों लगातार हर कोई नकारात्मकता से भरपूर पड़ा है। कोरोना काल में सिर्फ दोस्त ही नहीं टेलीविजन पर भी कोरोना की बातें सुनाई देती हैं। पहचान फरीदाबाद का यह प्रयास रहता है कि आपको प्रत्येक सोमवार को सकारात्मक खबरों के साथ मिलवाया जाए।
मनुष्य की सफलता के पीछे उसकी सोच होती है, यदि सोच नकारात्मकता से भरी होगी तो कैसे कोई व्यक्ति सफलता की सीढ़ियों तक पहुंचेगा। पहचान फरीदाबाद अपनी जनता की आवाज़ को समझता है।
सोशल मीडिया हो या टेलीविजन यह लोग टीआरपी और पब्लिक सिटी के चलते बड़ी संख्या में ऐसी खबरें देश की जनता को दिखाते हैं जिस से उनका मनोबल गिरे। नकारात्मकता ख़बरों से ही नकारात्मक संदेश भी लोगों तक पहुंचता है।
पहचान फरीदाबाद की सोच है कि सोमवार की शुरुआत हफ्ते की शुरुआत होती है तो क्यों न कुछ सकारात्मक बातों के साथ आज के दिन की शुरुआत हो ताकि ये पूरा हफ्ता आप पॉजिटिव एनर्जी से लबरेज रहें।
कोई भी व्यक्ति तभी महान बनता है, जब उसके विचार महान होंगे। गौतम बुद्ध ने कहा है- उदार मन वाले विभिन्न धर्मों में सत्य देखते हैं। संकीर्ण मन वाले केवल अंतर देखते हैं। बुद्ध का ये वाक्य आज भी समसामयिक है। कारण ये कि पूरी दुनिया में अलग-अलग लोग अलग-अलग धर्मों को मानते हैं। विवाद तभी होता है जब हम अंतर तलाशने लगते हैं, धर्मों के सत्यों को देखेंगे तो सभी धर्म एक से नजर आएंगे।
पहचान फरीदाबाद दूसरे मीडिया प्लेटफार्म की तरह मिर्च मसाला और नकारात्मकता से भरपूर ख़बरें नहीं दिखाता। हम सत्य के पुजारी हैं। जनता की आवाज और सोच दोनों समझते हैं।
कबीर ने कहा है कि आप ठगा जाइए कोई गम नहीं, पर दूसरों को मत ठगिए। वो सबसे बड़ा पाप है। मनुष्य की महानता उसके कपड़ों से नहीं, बल्कि उसके चरित्र से आंकी जाती है।
विवेकानंद ने पूरी दुनिया को धर्म का पाठ पठाया था। इस कथन से उनका आशय ये था कि कपड़े नहीं चरित्र मूल्यवान और साफ सुथरा होना चाहिए।