इस वक्त पूरी दुनिया कोरोना की चपेट में आयी हुई है, अब तक लगभग 54.9 लोग इस महामारी से ग्रस्त हो छूके है। कोरोना के चलते सभी स्कूल बस ट्रेनों को बंद कर दिया था। ताकि कोरोना के दर को फैलने से रोका जा सके। पुरे विश्व में लॉक डाउन लगा दिया गया था। इससे सभी देशो की अर्थववस्था भी प्रभावित हो रही थी। और देश की अर्थववस्था को पटरी पर लाना बेहद जरुरी था। इसलिए हर चीज को दुबारा से शुरू किये जाने का निर्णय लिया गया। हर चीज को धीरे धीरे अब शुरू किया जा रहा है ताकि थमी हुई अर्थववस्था को फिर से पटरी पर लाया जा सके।
शुरुआत शराब के ठेके से हुई ताकि देश की स्तिथि फिर से सही हो सके। अब ट्रेनों को भी खोला जा चूका है लेकिन अभी सभी ट्रिनो को पूरी तरह से खोला नहीं गया है ,अभी ज्यादा से ज्यादा माल गाड़िया ही चल रही है पैसेंजर ट्रेनों की चलने की संख्या अभी थोड़ी काम है ,क्युकी पैसेंजर ट्रैन ज्यादा चलने से कोरोना के बढ़ने का खतरा भी बड्ड सकता है।
कोरोना की चपेट में तो लोग आ ही रहे है और साथ ट्रैन की चपेट में आने से भी लोग अपनी जान गवाह रहे है ।जब से ट्रैन चलने लगी है तबसे लोगो के ट्रैन की चपेट में आने की संख्या भी बढ़ रही है। इस लापरवाही का कारण केवल जनता को ही नहीं माना जा सकता इसमें कुछ सरकार की गलती भी है।ऐसे हादसे न हो इसके लिए जीआरपी की टीम को हर प्लेट फॉर्म पर तैनात किया जाता है ताकि वह लोगो की हर गति विधि पर ध्यान दे सके लेकिन जीआरपी की टीम भी हर प्लेट फॉर्म पर तैनात नहीं होती और अपनी ड्यूटी अच्छे से नहीं निभाती जिसके चलते ऐसे हादसे आये दिन सुनने को मिलते है।
लेकिन इसके बिलकुल विपरीत है बल्लभगढ़ की जीआरपी की टीम जो अपनी ड्यूटी बखूबी से निभा रही है। और आपको बतादे की की बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन से ऐसी घटना बहुत काम सुनने को मिलती है। और इसका कारन जीआरपी की टीम की लगन और मेहनत है जो बल्लभगढ़ की जीआरपी टीम द्वारा बखूबी से निभाई जा रही है।
जब पहचान फरीदाबाद की टीम ने बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन का ब्योरा किया तो देखा की जीआरपी की टीम जगह जगह तैनात होकर अपनी ड्यूटी बखूबी से निभा रही है। और ध्यान रख रही है की लोग लापरवाही से अपनी जान न गावहे। और साथ ही जीआरपी टीम द्वारा हर पैसेंजर ट्रैन से आने जाने वाले लोगो का भी ध्यान रखा जा रहा है ,की वह लोग सोशल डिस्टन्सिंग एवं मास्क का ध्यान रख रहे है की नहीं ताकि इस महामारी से भी बचा जा सके। बल्लभगढ़ जीआरपी टीम का यह कार्य सहरानीय है की वो किस तरीके से कढ़ी धुप में भी अपनी ड्यूटी बखूबी से निभा रहे है।