2 अक्टूबर हर साल गाँधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को श्रद्धा-सुमन अर्पित कर लोग उनके प्रति सम्मान एवं आभार प्रकट करते हैं। पर इस बार कांग्रेस की ओर से 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और शास्त्री जयंती के अवसर पर ‘किसान-मजदूर बचाओ दिवस’ मनाने के फैसला लिया गया है।
इतना ही नहीं, किसान-मजदूर बचाओ दिवस के उपलक्ष में कांग्रेस ने देशभर से करीब 2 करोड़ किसानों के हस्ताक्षर के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाने का फैसला लिया। बता दें कि कांग्रेस द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम किसान बिल के विरोध में किया जा रहा है।
देश भर में केंद्र की मोदी सरकार के कृषि से जुड़े तीन विधेयकों को लेकर किसानों की ओर से जबर्दस्त विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है जिसमे विपक्ष अपनी एहम भूमिका निभाता हुआ नज़र आ रहा है। जिसके तहत इस प्रदर्शन कार्यक्रम में राजनीतिक दल भी शामिल होंगे।
साथ ही कांग्रेस ने देशभर से करीब 2 करोड़ किसानों के हस्ताक्षर के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाने का फैसला लिया और इसके बाद कांग्रेस इसे 14 नवंबर को पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन भी सौंपेगी।
इस बीच भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि मोदी सरकार सत्ता के मद में चूर है और इन अध्यादेशों को मंज़ूरी मिलना देश के लिए बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है। हालांकि कृषि बिल को लेकर संसद से सड़क तक संग्राम जारी है। तो वहीं बीते दिन राज्य सभा में विपक्षी दलों के नेता बबूला होते नज़र आये।
आम आदमी पार्टी के संजय सिंह तो राज्य सभा में स्पीकर के आगे नाचने और ताली बजाने लगे तो वहीं दूसरी ओर अकाली दल की हरसिमरत कौर ने सदन से वाकआउट कर दिया। इतने विरोध और घमासान के बाद भी सभी कृषि बिल राज्य सभा और लोक सभा से पारित हो गए हैं।
Written By- MITASHA BANGA