बदरपुर बॉर्डर पर महामारी के दौर में भले ही थोड़ा कम जाम लगना शुरू हुआ हो लेकिन अब प्रशासन की अनदेखी के कारण लोगों को लंबे जाम का सामना करना पड़ रहा है। दरसअल, टोल प्लाज़ा पर सिर्फ 1 ही फास्टैग लेन का उपयोग हो रहा है बाकि सभी फास्टैग लेन को बंद किया हुआ है। गत दिनों एक खबर बहुत पढ़ी जा रही थी कि फास्टैग यदि जनता ने नहीं लगवाया तो चालान लगाया जाएगा।
लोगों ने अपनी कारों में अब फास्टैग लगवा लिया है लेकिन टोल पप्लाज़ा पर सभी लेन बंद होने से इस बात का क्या लाभ हुआ? वैसे भी नेशनल हाईवे के टोल पर कैश टोल फीस देने वाले वाहन चालकों की संख्या में कमी नहीं आ रही।
लोग कैश और फास्टैग दोनों माध्यमों से टोल का भुगतान कर सकते हैं। आंकड़ों के अनुसार 35 फीसदी वाहन चालक टोल टैक्स का भुगतान नकदी में कर रहे हैं। फास्टैग लागू हुए साल से अधिक का समय गुजर चुका है लेकिन फिलहाल लगभग 65 फीसद वाहन चालक ही डिजिटल भुगतान करने लगे हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के बावजूद वाहन चालक फास्टैग भुगतान के प्रति जागरूक नही हो रहे।
जागरूक लोग जो हैं वह शिकायत कर रहे हैं कि फास्टैग लेन ही यहां नहीं चलती। फास्टैग प्रयोग से वाहन मालिकों को कई तरह के फायदे है। टोल भुगतान की प्रक्रिया को डिजिटल करते हुए बीते वर्ष एक नवम्बर को देश भर के राष्ट्रीय राजमार्गो पर लगे टोल पर फास्टैग लागू किया गया था।