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ऑनलाइन क्लासेज से बच्चो को लगी मोबाइल की लत दिख रहे है कुछ इस तरह के बदलाव

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इस महामारी के कारण बच्चो के लिए यह मुश्किल समय है इस समय सभी बच्चे घर में रहे कर ही पढाई कर रहे। कैद में रह रहे बच्चे अपनी पढाई करते है और इस कारण बच्चो में कई तरह के बदलाव आये है इसको पता करने के लिए एक सर्वे किया गया है ।

माता-पिता द्वारा यदि बच्चों से मोबाइल वापस ले लिया जाता है कम यूज करने के लिए कहते हैं तो उस समय तेजी से दूसरी सबसे ज्यादा 38 .5 % नाराज होते हैं लेकिन यही बात अगर दसवीं से बारहवीं तक के बच्चों से कही जाए तो इसमें 18.8 % बच्चे गुस्सा होकर भाई बहनों से झगड़ने लगते हैं

ऑनलाइन क्लासेज से बच्चो को लगी मोबाइल की लत दिख रहे है कुछ इस तरह के बदलाव

इन्हीं कक्षाओं के अधिकतम 42 .5% बच्चों का स्क्रीन टाइम भी 2 घंटे से बढ़कर 5 घंटे तक हो गया है अगर हम बात करें सभी पेरेंट्स की जिसमें से 44 पॉइंट 2 परसेंट अभिभावकों ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चे बोर हो चुके हैं 36.% बच्चों को यह डर सता रहा है कि उनका 1 साल खराब हो गया है


29.9% बच्चों को के पेरेंट्स बोले कि कि हमारे बच्चे बस यस सर यस मैम करने तक ही सीमित है 40% सेल्फ स्टडी नहीं करते हैं इनमें सबसे ज्यादा 42.9% बच्चे छोटी क्लास तक के हैं

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वही कि केजी से दूसरी क्लास में अधिकतम 42.1% अभिभावकों ने कहा कि उनको बच्चों को घर में रहकर अच्छा लग रहा है अभी दसवीं से बारहवीं तक के भी 50.2% बच्चे ही स्कूल जाना चाहते हैं लॉकडाउन में इन कक्षाओं में सबसे अधिक 15.8% बच्चे चिड़चिड़ी हो गए हैं

इन कक्षाओं के अधिकतम 20.7% बच्चे आलसी हो चुके हैं विशेषज्ञों की मानें तो पढ़ाई के बाद बच्चों को फिजिकल एक्टिविटी में व्यस्त रखें

इस सर्वे से यह तो पता चला की बच्चो की मनो दशा कैसी है लेकिन अभी इस समय के लिए बच्चो केलिए जितना मुश्किल है उतना ही उनके माता पिता के लिए भी किया है। इस समय जितना परेशानी बच्चो और टीचर्स को आ रही है उतनी ही माता पिता को भी आ रही है बच्चे पढ़ने के लिए ज्यादातर मोबाइल का उपयोग कर रहे है इस कारन उनको मोबाइल की आदत हो गई और वही उनको मना किया जाये तो वो नजार होते है

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