नगर निगम द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स का डाटा ऑनलाइन माध्यम से लिए जाने का दावा किया जा रहा है। परन्तु निगम की वेबसाइट ना खुलने के कारण लोगों को काफी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोग टैक्स जमा करवाने में मुश्किलें झेल रहे हैं।
निगम दफतर आने के बाद किसी भी नागरिक को 10 फीसद सब्सीडी भी नहीं मिल पा रही है। लोग बिना 10 फीसद की छूट लिए ही प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवा रहे हैं। जनता को टैक्स जमा करवाने में किसी भी तरीके से राहत नहीं मिल पा रही है।
आपको बता दें कि महामारी के चलते जब लॉकडाउन के दिशा निर्देश जारी किये गए थे तब सरकार द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराने की अवधि भी बड़ा दी गई थी। निर्देषानुसार 31 अक्टूबर तक दस फीसद छूट के दिए जाने की बात की जा रही थी। नगर निगम मौजूदा समय में 2.62 लाख घर तथा वाणिज्यिक संस्थान है, जो प्रॉपर्टी टैक्स के दायरे में आते हैं।
निगमायुक्त के अनुसार सारा रिकॉर्ड ऑनलाइन कर दिया गया है, लेकिन निगम के हालातों का ब्यौरा लिया जाए तो बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं करवा पा रहे हैं। लोग अभी भी टैक्स जमा करवाने के लिए निगम कार्यालय आकर दर दर भटक रहे हैं पर उनकी मदद नहीं की जा रही है। निगम में मौजूद कर्मचारी भी इन नागरिकों को संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहे हैं।
जनता की परेशानियों का नहीं हो पा रहा निवारण
अपना टैक्स जमा करवाने में जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे बड़ी परेशानी है प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाने के लिए जिस वेबसाइट का इस्तेमाल किया जाना है वह वेबसाइट अच्छे से काम नहीं कर पा रही है। टैक्स जमा करवाने के लिए जो पोर्टल बनवाए गए थे उन्हें अभी तक आपस में लिंक नहीं किया गया है।
लिंक न करने के कारण संवाद में अड़चन आ रही है जिससे लोगों को टैक्स जमा करवाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी बड़ी परेशानी जिस से जनता परेशान है वह है 10 फीसद टैक्स में मिलने वाली सब्सीडी। टैक्स जमा करवाने की समय अवधि बड़ा दी गई है।
बोला गया था की 31 अक्टूबर तक जो भी व्यक्ति टैक्स जमा करवाएगा उसे 10 फीसद की छूट दी जाएगी। पर सरकार द्वारा पारित किए गए इस निर्देश का पालन नहीं किया जा रहा है। समय पर टैक्स देने के बावजूद लोगों को यह सुविधा नहीं दी जा रही है। तीसरी बड़ी परेशानी है नगर निगम का इन परेशानियों की तरफ दिया जाने वाला ध्यान।
लोगों का कहना है कि नगर निगम द्वारा उनकी परेशानियों को नहीं सुना जा रहा है। लोग पूरा दिन नगर निगम कार्यालय में चक्कर लाते हैं पर उनकी परेशानियों को कोई नहीं सुनता। अभी तक इस पूरे मामले में निगम प्रभारियों द्वारा रिपोर्ट दर्ज करवाने के अलावा कोई बड़े कदम नहीं उठाए गए हैं। उम्मीद है कि जनता को हो रही इन परेशानियों को जल्द ही संज्ञान में लाते हुए विकास कार्य किया जाएगा।