मुख्यमंत्री द्वारा लांच किया गया जेजे व पोक्सो एक्ट विडियो मॉड्यूल

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विडियो मॉड्यूल को लांच करने के उपरांत कहा कि हरियाणा बाल संरक्षण आयोग का सांकेतिक भाषा को प्रमोट करने के साथ-साथ श्रवण दिव्यांगों को बाल संरक्षण कानून जेजे एक्ट व पोक्सो एक्ट के बारे में जागरूक करने की तरफ एक सराहनीय कदम है।

इन मॉडयूल के माध्यम से सभी श्रवण दिव्यांगों को कानून व अपने अधिकारों को समझने में आसानी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति में पूरे भारत में एक सांकेतिक भाषा लागू करना ऐतिहासिक निर्णय है।

मुख्यमंत्री द्वारा लांच किया गया जेजे व पोक्सो एक्ट विडियो मॉड्यूल

एक सांकेतिक भाषा होने से जहां श्रवण दिव्यांगों को कम्युनिकेशन करने में आसानी होगी वहीं राष्ट्रीय स्तर पर उनकी कामयाबी का रास्ता भी खुलेगा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में श्रवण दिव्यांगों को मिले अधिकार आने वाले समय में उनकी कामयाबी का रास्ता खोलेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार ना सिर्फ दिव्यांग बल्कि हर नागरिक के उत्थान के लिए कार्य कर रही हैं।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि देखभाल व सरंक्षण की आवश्यकता वाले तथा किसी भी प्रकार से एबल्ड बच्चे जो बाल आश्रम में रह रहे हैं उनके लिए भी सरकार विशेष पॉलिसी बनाएगी ताकि उन्हें पढने-लिखने सहित विभिन्न कार्यों में किसी प्रकार की परेशानी ना हो। किसी भी प्रकार एबल्ड बच्चे जिस भी क्षेत्र में पढ़ाई करना चाहते हैं सरकार इनके एडमिशन की व्यवस्था करवाने की दिशा में काम कर रही है।

मुख्यमंत्री द्वारा लांच किया गया जेजे व पोक्सो एक्ट विडियो मॉड्यूल

आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने बताया कि प्राथमिक चरण में आयोग ने उक्त दोनों एक्ट के कानूनी पहलूओं को लेकर विडियो मॉड्यूल बनाए हैं। ये मॉड्यूल भारतीय सांकेतिक भाषा में होने से कोई भी श्रवण दिव्यांग इन्हें आसानी से समझ सकेगा तथा बाल संरक्षण कानूनों के बारे में जान सकेगा।

उन्होंने बताया कि आयोग का लक्ष्य है कि इन मॉड्यूल को सभी श्रवण दिव्यांगों के साथ-साथ स्कूल जाने वाले श्रवण दिव्यांग बच्चों के लिए भी लागू करवाना है ताकि वे अपने अधिकारों के बारे में जान सकें। श्रीमती बैंदा ने बताया कि एक स्टडी के अनुसार विश्व भर में 72 मिलीयन लोग दिव्यांग हैं।

मुख्यमंत्री द्वारा लांच किया गया जेजे व पोक्सो एक्ट विडियो मॉड्यूल

इनमें से 80 फीसदी लोग विकसित देशों में रहते हैं और ये 300 प्रकार की सांकेतिक भाषा बोलते हैं। उन्होंने बताया कि 2011 की जनगणना के अनुसार देश में 1.3 मिलियन लोग ऐसे हैं जो केवल श्रवण दिव्यांग हैं। ऐसे में सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति में पूरे भारत में एक ही सांकेतिक भाषा लागू करना सराहनीय कदम है।

उन्होंनेे कहा कि प्रथम चरण में आयोग ने जेजे व पोक्सो एक्ट के मॉड्यूल श्रवण दिव्यांगों के लिए बनाए हैं। आने वाले समय में हर प्रकार के दिव्यांगों के लिए आयोग उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए विडियो मॉड्यूल बनाएगा।