हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जे.पी. दलाल ने कहा है कि हरियाणा की पहल पर केंद्र सरकार ने हर वर्ष फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य बिजाई सीजन आरंभ होने से पहले ही घोषित करने की जो शुरुआत की है वह किसान हित में है।
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जे.पी. दलाल ने कहा है कि हरियाणा की पहल पर केंद्र सरकार ने हर वर्ष फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य बिजाई सीजन आरंभ होने से पहले ही घोषित करने की जो शुरुआत की है वह किसान हित में है।
दलाल ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा रबी की प्रमुख फसलों जैसे गेहूं, चना, सरसों, जौं, मसूर तथा कुसुम के न्यूनतम समर्थन मूल्यों में 50 रुपये से 300 रुपये तक की वृद्घि की घोषणा की है, वह स्वागतयोग्य है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी करने के लक्ष्य के अनुरूप फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने का स्थायी फॉर्मूला तय कर दिया है।
दलाल ने कहा कि गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 रुपये की बढ़ौतरी कर 1975 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। इसी प्रकार, चने का 4875 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5100 रुपये निर्धारित किया है, सरसों का 4425 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 4650 रुपये किया गया है।
जौं का 1525 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1600 रुपये प्रति क्विंटल है, मसूर का 4800 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5100 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है तथा कुसुम का 5215 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5327 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है ।
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार की सोच है कि अब समय आ गया है कि किसान अपनी किसानी के साथ-साथ उद्यमी भी बने। संसद द्वारा पारित किए गए विधेयक ‘कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश 2020’ तथा ‘मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और सुरक्षा) समझौता विधेयक-2020’ से किसान अपनी उपज की बिक्री मर्जी के अनुसार न केवल अपने राज्य में बल्कि दूसरे राज्यों की मंडियों में भी कर सकेगा। अनुबंध खेती के तहत अपनी उपज पर किसी भी व्यक्ति या बैंक के साथ ई-अनुबंध कर सकता है और उसे फसली ऋण के लिए बैंक के पास जमीन रेहन रखने की आवश्यकता नहीं होगी।