फरीदाबाद नगर निगम पूर्णतः घाटे में डूब चुका है। अब खुदको मजधार से निकालने के लिए निगम ने नई नीति अपनाई है। अब नगर निगम अपने बॉन्ड को मार्केट में बेचकर पैसा जुटाएगा। निगम म्यूनिसिपल बॉन्ड को लॉन्च करने की बात पर ज़ोर दिया जा रहा है।
इस मुद्दे पर फरीदाबाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड के साथ केंद्र सरकार की मदद से पहली मीटिंग हो चुकी है। नगर निगम अपने दस्तावेज और अपनी आय-व्यय की प्रोफाइल तैयार करने में जुट गया है ताकि बॉन्ड लॉन्च करने के दौरान लोगों को पता चल सके कि फरीदाबाद नगर निगम की क्रेडिट रैंकिंग कैसी है।
इससे नगर निगम अपने द्वारा बनाए जा रहे बॉन्ड के खरीदारों की मात्रा में इजाफा करना चाहता है। नगर निगम अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए यह बॉन्ड तैयार कर रहा है। इससे शहर में होने वाले विकास कार्यों को बल मिलेगा और धन की कमी नही होगी।
600 करोड़ के विकास कार्य फसें हैं बीच मजधार में
नगर निगम की आर्थिक स्थिति अभी ठीक नही है। शहर में चल रहे विकास कार्यों की गति पहले से ही धीमी हो रखी थी जो महामारी के दौर में ठप पड़ चुकी है। नगर निगम पिछले काफी समय से सुर्खियों में छाया हुआ है।
नगर निगम में बिन काम किये भुगतान घोटाला हो रखा है। निगम में छोटी फाइलों के साथ झोल किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि तीन आइएएस के कार्यालयों में 80 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है। शहर में पिछले 6 वर्ष से 1000 करोड़ से ज्यादा के सीएम द्वारा अनाउंसमेन्ट के कार्य चल रहे हैं।
लगभग 400 करोड़ रुपये की पेमेंट नही हुई है जिससे यह काम धीमी गति से चल रहे है। शहर में नगर निगम अधिकारी जमीनों का भी सही से सदुपयोग नही कर पा रहे हैं। सरकारी जमीन पर कोई भी नया प्रोजेक्ट नही मिल पा रहा है। इससे निगम की इनकम की इनकम बचने की बात की जा रही है।