पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह ने 82 की उम्र में ली अंतिम सांस, पीएम मोदी ने जताया शोक

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पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह ने 82 की उम्र में ली अंतिम सांस, पीएम मोदी ने ट्वीट कर प्रकट किया शोक लंबे समय से जिंदगी और मौत से लड़ रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह ने 82 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके इस तरह से दुनिया से चले जाने से ना सिर्फ उनके परिचित लोगों को बल्कि आमजन को भी काफी आहत पहुंचा है।

जानकारी के मुताबिक पूर्व केंद्रीय मंत्री लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद से उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस साल जून में उन्हें दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह ने 82 की उम्र में ली अंतिम सांस, पीएम मोदी ने जताया शोक

बीमारी से जूझने के साथ-साथ वह कोमा में भी चले गए थे जिसके बाद उन्होंने रविवार को अंतिम सांस ली। वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री जैसे पदों पर रहे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर जसवंत सिंह के निधन पर शोक प्रकट किया है। सभी ने सोशल मीडिया के माध्यम से शोक प्रकट करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है और उनके परिवार को सहानुभूति भी दी।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ”जसवंत सिंह जी ने अपने जीवनकाल में लगन के साथ देश सेवा की. पहले एक सैनिक के रूप में, उसके बाद राजनीति में अपने लंबे कार्यकाल द्वारा। अटल जी की सरकार में उन्होंने कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी उठाई। वित्त, रक्षा और विदेश मंत्री के रूप में अपना प्रभाव छोड़ा। उनके निधन से दुखी हूं।

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संस्थापकों में से एक जसवंत सिंह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ( राजग) सरकार के दौरान विभिन्न मंत्रालयों के कैबिनेट मंत्री बन करकेभहारको सभाला। उन्होंने 1996 से 2004 के दौरान रक्षा, विदेश और वित्त जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की कमान संभाली थी।

वर्ष 2014 में भाजपा ने जसवंत सिंह को राजस्थान के बाड़मेर से लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया था। इसके बाद जसवंत सिंह ने पार्टी के खिलाफ बागी होते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा मगर हार गए। उसी वर्ष उन्हें सिर में गंभीर चोटें आई, तब से वह कोमा में थे।

जसवंत सिंह ने पहले सेना में रहकर देश सेवा की और बाद में राजनीति का दामन थाम लिया था। वह 1980 से 2014 तक सांसद रहे और इस दौरान उन्होंने संसद के दोनों सदनों का प्रतिनिधित्व किया। उनके पुत्र मानवेंद्र सिंह भी राजनीति में हैं।