फरीदाबाद में जिस प्रकार कोरोना का केहर का बढ़ता जा रहा है, ठीक उसी प्रकार जिले में नशेड़ियों की तादाद भी बढ़ती जा रही है। शहर में नशीले पदार्थों की आसान उपलब्धता है जो कि युवाओं को अपराध की दुनिया में घसीट रही है। गत दिनों पुलिस ने ऐसे बहुत से लोगों को पकड़ा है जिन्होंने कहा है कि वह नशे के लिए चोरी,खून, झपटमारी जैसे अपराध करते हैं।
फरीदाबाद में सूखा नशा सरेआम बिकता है। ऐसे बहुत से तस्कर हैं सूखे नशे के जिनकी सेटिंग पुलिस वालों से भी होती है। नशे की लत होना एक बीमारी है, जो किसी व्यक्ति के मस्तिष्क और व्यवहार को प्रभावित कर सकती है।
जिला इतना बदनाम हो चला है कि दूर – दूर से लोग यहाँ नशे का सामान खरीदने आते हैं। राहुल कॉलोनी, कल्याणपुरी झुग्गी, नाहर सिंह स्टेडियम के पीछे और सुनसान जगहों पर लोग नशे के साथ – साथ सट्टे भी लगाते हैं। बड़े-बड़ेदावों वादों के साथ फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की गई थी। इन दावों में शहर को नशा मुक्त बनाने की बात भी पुलिस के आला अधिकारियों ने कही थी। लेकिन शहर में आज भी खुले में नशा बिक रहा है।
जिले की अनेकों कॉलोनियों में खुले में नशा बिक रहा है। नशा बेचने के साथ ही लोगों ने वहां नशा करने की जगह भी बना रखी है। कुछ पदार्थ जैसे अल्कोहल, मारिजुआना (गांजा) और निकोटीन को भी नशे ही का एक रूप माना जाता है जिले में यह सब खुलेआम बिकता है।