उपायुक्त यशपाल ने जिला के सभी किसानों से अपील करते हुए कहा कि वह धान की कटाई के बाद पराली न जलाएं। उन्होंने कहा कि इससे पर्यावरण को नुकसान तो पहुंचता ही है इसके साथ ही पशु पक्षियों, पेड पौधो को भी नुकसान पहुंचता है। उन्होंने कहा कि भावी पीढिय़ों की खुशहाली के लिए हमें पर्यावरण को स्वच्छ रखना होगा।
उन्होंने कहा कि पराली जलाने से रोकने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से जिला स्तर, उपमण्डल स्तर, खण्ड स्तर व गॉव स्तर निगरानी के लिए टीमों का गठन किया गया है। यदि फिर भी कोई जिले का किसान पराली जलाता हुआ पाया जाता है तो 2500 रुपये प्रति एकड़ व प्रति किसान जुर्माना किया जाएगा। इसके लिए पर्यावरण नियंत्रण विभाग को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिला में किसानों की सुविधा के लिए पराली प्रबंधन से संबंधित यंत्र लेने पर 50 प्रतिशत की छूट व कस्टम हायरिंग सेन्टर जो कि किसी पंजीकृत किसान समूह या पंचायत को 80 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराये गए है। पराली प्रबंधन यंत्र जैसे कि सुपर सीडर, जीरो टीलेज मशीन, स्ट्ररा रीपर, स्ट्ररा मलचर, रीपर बाइंडर, एमबीपलो इत्यादि का प्रयोग करके अपनी पराली का सदुपयोग करे।