ठीक ही कहा गया है कि डूबते को एक तिनके का सहारा होता है और जब उपरवाले की नज़र सही हो तो कोई भी विपदा इंसान का बाल भी बांका नहीं कर सकती। हाल ही में, फरीदाबाद के सेक्टर 28 की ऐसी ही एक घटना सामने आयी है। जिसमें एक चलती गाडी में अचानक आग लग गयी। अब अगर स्थिति ऐसी हो तो इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि अंदर बैठे शख्स की क्या हालत होगी। कार चालक के हाथ पेअर फूल गए और वो समझ न पाया कि आखिर ये हुआ कैसे। कुछ ही देर में गाड़े में से आग की लपटें भभक भभक कर उठन लगीं।
कार में लगी आग को देख वहां मौजूदा लोगों ने शोर मचाया और राहत की बात तो यह थी कि पुलिसकर्मी पास ही में मौजूद थे जिसके बाद कार का शीशा तोड़कर उसे बाहर निकाला गया। जिसके तुरंत बाद कार धूं-धूं कर जलने लगी। पुलिसकर्मियों की सतर्कता और तत्परता के चलते कार चालक की जान बच गयी और उस शख्स ने तहे दिल से पुलिसकर्मियों का धन्यवाद कर आभार प्रकट किया। इसके थोड़ी ही देर बाद घटना स्थल पर फायरब्रिगेड पहुंची और आग बुझाई गयी पर तब तक कार पूरी तरह से जल कर राख हो चुकी थी।
पूछने पर शख्स ने बताया कि वो 15 दिन पहले ही थाईलैंड से लौटा है और अपनी माँ की दवाईयाँ लेने के लिए घर से निकला था। रास्ते में उसके साथ ऐसी कोई घटना घटित होगी इसकी उसने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। दरअसल, कार में CNG लगी थी और शॉर्ट सर्किट के कारण गाडी में आग लगी। कार चालक का मानना है कि ये उसका दूसरा जीवन दान है और वो खुद को बहुत ही खुशकिस्मत समझता है कि मौके पर मौजूदा पुलिसकर्मियों ने उसकी जान बचाई। वाकई ये बात सही ही है कि जान बची तो लाखों पाए।