यूपी के हाथरस केस में बड़ा मोड़ ले लिए है। पीड़िता के परिवार ने अपना नार्को टेस्ट कराने से मना कर दिया है। परिवार जानो से बात करने पर उन्होंने बताया कि उन्हें टेस्ट नहीं केवल इंसाफ चाहिए। पीड़िता की मां ने एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कहा कि अफसरों ने बेटी का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया।
मरने के बाद से डीएम लगातार उनके परिवार का बयान बदलवाने की कोशिश में लगे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें अपना और अपने परिवार जनो का नार्को टेस्ट नहीं करवाना। पीड़िता की माँ ने कहा कि नार्को टेस्ट आरोपियों का होना चाहिए।
वायरल हुए एक ऑडियो के बारे में जब पीड़िता के भाई से बात की गई किसी के दबाव के चलते उसने बात करने से इनकार कर दिया। आपको बता दें कि कांग्रेस नेता और पीड़िता के भाई संदीप के बीच हुई बातचीत का ऑडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
इस पूरे मामले में पुलिस अफसरों का कहना है कि उपचार के दौरान पीड़िता का तीन बार बयान दर्ज किया जा चुका है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, पहली बार में युवती द्वारा रेप से जुड़ा कोई बयान नहीं दिया गया था। उसके बाद 19 सितंबर को दर्ज हुए बयान में पीड़िता बताया कि उसके साथ छेड़छाड़ की गई है।
इस बयान के आधार पर पुलिस ने धारा बदलकर अपनी जांच को आगे बड़ाया और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई। उसके बाद 22 सितंबर को दर्ज हुए बयान में पीड़िता ने कहा था कि उसके साथ रेप हुआ है।
पीड़िता द्वारा दिए गए नए बयान के आधार पर पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर आरोपियों को गिरफ्तार किया था। मेडिकल रिपोर्ट पर गौर करें तो उसमें युवती के साथ रेप की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है।