आजकल के दौर में हाथों में मोबाइल फोन होना तो जैसे कोई सामान्य बात है। मोबाइल फोन एक ऐसा यंत्र है जिसके जरिए आप कहीं भी कभी भी किसी से भी वार्तालाप कर सकते हैं, क्योंकि इसके लिए आपको कहीं उठकर जाने की जरूरत नहीं होती।
लेकिन शहर के मध्य बस एक ऐसी कॉलोनी है जहां फोन की रिंग बजते ही आपको तुरंत दौड़कर घर से बाहर निकलना होता है। इसका कारण यह है कि यहां घर यानी भगत सिंह कॉलोनी मे मोबाइल का सिग्नल ही नहीं आता। इस समस्या के समाधान के लिए लोग हर निजी व सरकारी सिम खरीद चुके हैं लेकिन इस समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया।
4जी नेटवर्क के जमाने में मोबाइल के सिग्नल की समस्या से जूझ रहे स्थानीय निवासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने नगर निगम और उपमंडल अधिकारी से शिकायत का मन बनाया है। गुरुग्राम नहर के किनारे सेक्टर तीन के सामने बसी भगत सिंह कॉलोनी के लोगों के मोबाइल में सिग्नल नहीं होते।
कॉलोनी निवासी संग्राम वर्मा ने बताया कि उनकी यहां किसी भी नेटवर्क कंपनी के सिग्नल घर के अंदर आते ही नहीं। रुक-रुक कर थोड़े से नेटवर्क से केवल इतना ही हो पाता है कि फोन की घंटी बज जाए। उसके बाद फोन पर बात करना संभव नही होता।
बात करने के लिए घर से दूर सड़क पर आकर बात करनी पड़ती है। बात लंबी हो तो हाईवे या फ्लाईओवर तक जाना पड़ता है। चूंकि, बीच-बीच में सिग्नल गायब हो जाते हैं, ऐसे में लोग नेटवर्क क्षेत्र ही ढूंढ़ते रहते हैं।
इन दिनों वर्क फ्रॉम होम, बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई जैसे नियम लागू हैं। हैरत की बात है कि जिस गली में मोबाइल से बात करने के नेटवर्क न मिलते हों वहां ये नियम कैसे चल पाएंगे। स्थानीय निवासी मनोज कुशवाहा ने बताया कि लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद हैं। पढ़ाई ऑनलाइन होती है। सिग्नल न होने के कारण इंटरनेट भी नहीं चलता। इससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
ज्यादातर लोगों ने अपने बच्चों को दूसरे शहरों में रिश्तेदारों के घर भेज दिया है। इसी कॉलोनी की भजन फार्म वाली गली में हालात और भी खराब हैं। यहां लोगों के घर में केवल लैंडलाइन फोन ही बजते हैं। ओमप्रकाश का कहना है कि लोगों ने एक-एक करके सभी नेटवर्क बदल लिए लेकिन समाधान नही होता।
स्थानीय निवासी आफताब खान ने बताया किकॉलोनी में किसी भी नेटवर्क कंपनी के सिग्नल घर के अंदर पूरी तरह से नही आते हैं। थोड़े से नेटवर्क से केवल इतना ही हो पाता है कि फोन की घंटी बज जाए। उसके बाद फोन पर बात करना संभव नही है।
नहीं सारे निवासी सोनू का कहना है कि सिग्नल न होने के कारण इंटरनेट नही चलता और पढ़ाई पर फर्क पड़ता है। यहां लोगों के घर में केवल लैंडलाइन फोन ही कामयाब है। मोबाइल शोपीस बन गए हैं।
स्थानीय निवासी शशि कुमार बोले सभी मोबाइल कंपनी के सिम व नेटवर्क बदल लिए लेकिन समाधान नहीं मिला। रात के समय अगर किसी रिश्तेदार का कोई जरूरी फोन आना हो तो फोन मिलाता रह जाएगा लेकिन बात नहीं होगी।
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