वैश्विक स्तर पर अपने संक्रमण का असर छोड़ चुकी कोरोना वायरस ने देश के हर हिस्से में अपना जाल बिछाया हुआ है। वहीं इसके जंजाल में फस कर ना जाने अभी तक कितने व्यापार ठप हो चुके हैं।
वहीं अधिकांश कारोबारी आर्थिक मंदी से महीनों बाद भी उभर नहीं पाए थे। जहां रेलवे विभाग ने ट्रेनों को पटरियों पर उतारने का सिलसिला जारी रखा हुआ है। वहीं धीरे-धीरे आर्थिक मंदी भी कहीं ना कहीं सुधरने का नाम ले रही है।
इसी कड़ी में टूर एंड ट्रेवल्स का कारोबार भी लगभग चौपट हो गया था। वहीं अब कोरोना महामारी की जड़ को समझते हुए लोगों ने सोशल डिस्टेंस और फेस मस्क को हथियार बनाते हुए इससे लड़ते हुए अपने कार्य को एक बार फिर पटरी पर लौटने का फैसला लिया है,
और इससे डटकर लड़ते हुए अपने कार्य में किसी तरह की कोई कमी नहीं लाई जा रही है। वहीं जहां अभी तक लोग कोरोना की चपेट में आने के डर से खुद को घर में कैद करके बैठे थे।
वहीं अब उन्होंने पर्यावरण की प्रकृति को निहारने और उसे करीब से जानने के लिए फिर घर से बाहर निकलना शुरू कर दिया है जिसमें टूर एंड ट्रेवल्स महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
आपको बता दें, एक महीने में शहर के करीब 500 लोगों ने शिमला-मनाली और गोवा की सैर की है। इसके अलावा लोग एडवांस बुकिंग भी करवा रहे हैं। इससे ट्रैवल एजेंटों के चेहरे पर एक बार फि र मुस्कान लौटी है।
जिले से हर साल हजारों की संख्या में लोग घूमने फिरने के लिए ऋषिकेष, कुल्लू मनाली, लेह लद्दाख, शिमला, गोवा व मुंबई आदि जाते है। जुलाई से जनवरी तक की ट्रैवल एजेंसियों के पास एडवांस बुकिंग रहती थी। हालत ये होती थी, इस सीजन में कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी जाती है।
लॉकडाउन के दौरान व्यवसायकि एंव धार्मिक गतिविधिओं के साथ टूर-एंड ट्रैवल्स का कारोबार ठप हो गया। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोग घरों में कैद हो गए। अनलॉक प्रक्रिया में सरकार की ओर से बंद ट्रेन व हवाई सेवाओं को सीमित संख्या में सशर्त खोलने की मंजूरी दी गई।
इसके बाद भी अनलॉक 3.0 तक टूर एंड ट्रैवल बाजार कारोबार में कोई खास सुधार नहीं आया। अनलॉक 4.0 में कोरोना मरीजों की संख्या कम होने और रिकवरी दर में सुधार होने के बाद लोग घूमने के लिए बाहर निकलने लगे। ट्रैवल एजेंसियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सिंतबर में करीब 500 लोगों ने मुल्लू, मनाली, शिमला, ऋ षिकेष और गोवा की सैर की।
गौरतलब, कोरोना वायरस की दस्तक से भारत में लागू हुए लॉकडाउन के चलते भीड़ भाड़ वाली जगह पर लोगों के आवागमन पर अंकुश लगा दिया गया था, ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने से बचा जा सके। कोरोना वायरस का संक्रमण संपर्क में आने से फैलता है इस बात से सभी परिचित है।
और स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही चेता दिया था कि इस संक्रमण का असर ज्यादा लोगों में हुआ तो यह खतरनाक साबित हो सकता है। यह सोचते हुआ सरकार ने भीड़भाड़ वाले स्थान पर अंकुश लगाते हुए अन्य स्थानों पर सोशल डिस्टेंस का पालन करने के लिए आग्रह किया था।
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