आज के दौर में अगर कोई लड़कियों को लड़कों से कम आंके तो यह उनकी सबसे बड़ी गलती होगी। क्योंकि आज लड़कियाँ किसी भी क्षेत्र में लड़कों से काम नहीं हैं। लड़कियां अब लड़कों की तरह ही रहने लगी है उनके कपड़ो में अब जींस, टीशर्ट, शर्ट, पैंट, ट्राउज़र आदि भी शामिल हो गये है।
लडकियों के कपड़े लड़को के कपड़ो से भले कितने ही समान लगते हो लेकिन इनमे बहुत से अंतर होते है जैसे महिलाओं और पुरुषों की शर्ट के डिज़ाइन में तो अंतर होता ही है, मगर इसमें एक और फर्क होता है, क्या आपने कभी नोटिस किया है वह है इनके कपड़ो में जेब का नहीं होना।
आप अगर महिलाओं के शर्ट या किसी भी कपडे को देखेंगे तो लगभग 95 प्रतिशत कपड़ो में आपको जेब नही मिलेगी और कुछ में मिलेगी तो वो भी एक अपवाद है।
तो आपको बता दे शर्ट की शुरुआत भारत से नही बल्कि पश्चिमी देशो से हुई थी जहां ये 18 वी सदी के आस पास से पहना जा रहा है।
लड़कियों की शर्ट में जेब इसके पीछे मानसिकता ये थी कि अगर महिलाओं के कपड़ों में जेब होगी, तो वे अपनी जेब में कुछ न कुछ तो जरूर रखेंगी। इससे उनके शरीर की बनावट बिगड़ जाएगी और शरीर में उभार दिखाई देगा, जिससे उनके शरीर की सुंदरता कम हो जाएगी।
यही वजह है कि लड़कियों की शर्ट में पॉकेट नहीं बनाई जाती थी। लेकिन लगभग सन 2000 के बाद लोगो की सोच में काफी बदलाव आया और उन्होंने महिलाओं की शर्ट में भी जेबे देनी शुरू की कुछ महिलाओं ने इसे एक तरीके से सराहा भी जबकि कुछ डिजायनरो और फैशन जगत से जुड़े लोगो ने इसकी आलोचना भी की लेकिन आपको आजकल अगर जरूरत होती है कि जेब वाली शर्ट चाहिए तो मिल ही जाती है।
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