फरीदाबाद: कार्यालय पुलिस आयुक्त में आयोजित सभी पुलिस उपायुक्तों तथा सहायक पुलिस आयुक्तों की संगोष्ठी के दौरान सभी अधिकारियों से उनके इलाके की कानून व्यवस्था की जानकारी लेते हुए पुलिस आयुक्त श्री ओ पी सिंह ने कहा कि कमिश्नरेट की पुलिस के लगातार प्रयासों से फरीदाबाद में अपराध का स्तर लगातार कम हो रहा है। इसी प्रकार अपराध को निरंतर कम करने के लिए प्रयासरत रहने हेतु प्रेरित करते हुए कुछ युक्तियाँ बताई गई।
उन्होने बताया कि दुश्चरित्र व्यक्तियों का फोटो सहित विवरण हर थाना के सूचना पट पर विद्यमान होने के साथ-साथ थाने के इलाके में स्थित पुलिस नाकों, पी॰सी॰आर॰, राइडर, गस्त पार्टी और बीट अधिकारियों के पास भी होना चाहिए ताकि उन पर नजर रखी जा सके।
सजा समाप्ति उपरांत पेरोल पर व जमानत पर जमानत की शर्तो की उल्लंघना करके जेल से बाहर रह रहे अपराधियों का फोटो सहित विवरण इलाके के सभी अधिकारियों के पास भी होना चाहिए, ताकि उन पर नजर रखी जा सके। इसके लिए इगल नाम के एक सॉफ्टवेअर का प्रयोग में लाए जाने पर काम किया जा रहा है।
ईगल सॉफ्टवेयर की मदद से किसी संदिग्ध व्यक्ति का मोबाइल से फोटो उतारने पर यदि उस व्यक्ति का कोई अपराधिक रिकॉर्ड हो तो उसका भी पता लगाया जा सकता है।
उन्होने कहा कि इलाके में प्रशासनिक या व्यक्तिगत तौर पर लगाए गए सी॰सी॰टी॰वी॰ कैमरों की मदद से निगरानी की जानी चाहिए। सुनिश्चित करें कि इलाके में लगाए गए सी॰सी॰टी॰वी॰ कैमरे ठीक से कार्य कर रहे हो क्योंकि इनसे अपराधों की रोमथाम और अनुसंधान में बहुत मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त शराब के ठेकों पर उनको मालिकों को सी॰सी॰टी॰वी॰ कैमरे लगवाने के लिए कहें।
अधिकारियों द्वारा ड्यूटियों पर तैनात कर्मचारियों का चैकिंग के दौरान या संगोष्ठी आदि के माध्यम से लगातार समुचित दिशा-निर्देश और मार्गदर्शन किया जाना चाहिए। दिए गए दायित्वों की नियमित अंतराल के बाद रिपोर्ट लेकर समीक्षा की जानी चाहिए ताकि वे अपने दायित्वों की पूर्ति के लिए लगातार अग्रसर रहें और कानून व्यवस्था को बनाया रखा जा सके।
आगे बताते हुए श्री ओ पी सिंह ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने और जनता की सुरक्षा में पुलिस द्वारा किए जा रहे प्रयासों को ट्विटर आदि के माध्यम से प्रसारित किया जाना चाहिए। इससे कई बार जनता द्वारा भी बडे़ उपयोगी सुझाव दे दिए जाते हैं। इसके माध्यम से हम उत्कृष्ट कार्य करने वालों की सहराना कर उनका हौसला अफजाही भी कर सकते हैं।
इलाका में थाना प्रभारी या इलाके के उच्चाधिकारियों द्वारा जनता के साथ कभी कभार संगोष्ठियों का आयोजन कर उनको सदाचार, सदभावना व भाईचारे के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। इससे जातिगत तथा सांप्रदायिक और पुरानी रंजिश आदि के कारण होने वाले विवाद समाप्त हो जाते हैं। जिन लोगों से अचानक उत्तेजना या किसी अन्य कारण से पहली बार अपराध हो जाता है और वे आदतन अपराधी नहीं हैं उन्हें अपराध की दुनिया की दुर्दशा से अवगत करवा कर अपराध से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जाए। इस प्रकार जनता अपराध की समाप्ति के लिए पुलिस की सहायक बन जाती है और इलाके में कानून एवं शांति व्यवस्था बनी रहती है।
जनता द्वारा पुलिस को दी गई शिकायतों में अगर किसी प्रकार की जाँच की आवश्यकता हो तो उसे यथा संभव शीघ्रता से पूर्ण किया जाना चाहिए।उत्कृष्ट कार्य निष्पादन के लिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की प्रशंसा करते हुए संगोष्ठी का समापन किया गया।