शहर में जुमलों की फेहरिस्त में इजाफा हुआ है। फरीदाबाद की हर सड़क पर गनगन चुम्भी लाइटें लगी हुई हैं। अब सवाल है इन लाइटों के पीछे छिपे कटु सत्य का। यह सभी लाइटें प्रशासन के कार्यकाल की तरह हैं कभी जलती हैं कभी घुप्प सन्नाटा।
फरीदाबाद की बाईपास रोड शहर की सबसे व्यस्त सड़क है बात की जाए इस सड़क पर जलने वाली बत्तियों की तो वह जर्जर अवस्था में मौजूद हैं। सड़क पर मौजूद यह स्ट्रीट लाइटें अँधेरे की चादर ओढे बैठी हैं।
रात के समय पर जब पूरी सड़क अंधकार से सराबोर रहती है तो यात्रियों को आवाजाही में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हाल ही में सड़क दुर्घटना का मामला सामने आया था उसका कारण क्या है यह बात किसी से छुपी नहीं है।
न बत्ती, न सड़क बस अंधकार और जुमलों की सरकार। कब और कैसे रुकेंगे हादसे? प्रशासन पर सवाल दागने पर 4 नए जुमले सामने आ जाते हैं। बिलकुल वैसे ही जैसे सड़कों पर लगी यह बत्तियां हैं, जो बस खड़ी हैं पर जलती नहीं हैं।
आपको बता दूँ कि यह फरीदाबाद के माथे पर लगा स्मार्ट सिटी का तमगा इस तरीके के विकास के मुँह पर एक जोरदार तमाचा हैं। सड़क पर लगी यह सभी स्ट्रीट लाइटें कब जलेंगी? जब शहर में एक्सीडेंट दुर्घटना बढ़ेंगी क्या तभी यह बत्तियां जल पाएंगी? कब जागेगा प्रशासन? कब लौटेगी रौशनी