लॉक डाउन खुलते ही सबसे पहले शराब के ठेके खोले गए ताकि देश की अर्थ वेवस्था को पटरी पर लाया जा सके।लेकिन फरीदाबाद में शराब के कारोबार को फिर से सरकार को तगड़ा चूना लगा है। शराब के छोटे दुकानदारों यानी एल-2 शॉप के मालिकों ने इस खेल में सरकार को कम से कम 100 करोड़ रुपये के राजस्व के नुकसान का लेखा जोखा दिया है। यह नुकसान एल-1 के रेट को लेकर हुआ है।
सरकार ने शराब के रेट निर्धारित किये हुए है ,आपको बता दे कि हरियाणा में शराब के दाम और राज्यो से कम है ।लेकिन फरीदाबाद और गुरुग्राम दोनों जिलो के रेट में काफी अंतर पाया गया है ।शराब ठेका मालिकों ने इसकी शिकायत एनआईटी विधानसभा क्षेत्र के विधायक नीरज शर्मा को दी। जिसके बाद इस मामले को मुख्यमंत्री तक पहुंचाया गया। अब मुख्यमंत्री ने इस मामले में जांच के आदेश देकर एक हफ्ते में रिपोर्ट पेश देने को कहा है ताकि पता चल सके कि फरीदाबाद में महंगी और गुड़गांव में सस्ती शराब कैसे बेची जा रही है।
शराब के दामो का खेल समझने के लिए सबसे पहले एल 1 एवं एल 2 का खेल समझना होगा ।बता दें कि जिले में शराब डीलर एल-1 और एल-2 होते हैं। एल-1 वह होते हैं जहां थोक में शराब के अलग-अलग ब्रांड की शराब आती है। वहीं, छोटे दुकानदार यानी एल-2 इन एल-1 डीलरों से शराब खरीद कर ले जाते हैं। यानी कि एक तरह से एल-1 गोदाम होता है, जहां से छोटी-छोटी दुकानों पर शराब जाती है। फरीदाबाद में इस वक्त 5 एल-1 गोदाम हैं, जहां से छोटे शराब के दुकानदार शराब खरीदते हैं।
इसी तरह से गुड़गांव में भी एल-1 बने हुए हैं। सरकार ने एक उचित रेट निर्धारित किया है कि शराब की कीमत इतनी होनी चाहिए और उसे उसी कीमत पर बेचना है। बावजूद इसके फरीदाबाद में शराब 200 से लेकर 400 रुपये महंगी बेची गई है। इसको लेकर शराब दुकानदारों ने विधायक नीरज शर्मा को शिकायत दी थी। जिसके बाद नीरज शर्मा ने इसे सीएम मनोहर लाल तक पहुंचाया। सीएम ने इस मामले में जांच के आदेश जारी किये है ।