राम की महिमा अपरंपार राम नाम की धुनि ऐसी की बीच मझदार की नैय्या पार लग जाये ऐसा। मुश्किल समय में मात्र राम ही है जो रास्ता दिखा सकते है ऐसा मनना है श्री श्रद्धा रामलीला कमिटी के पदाधिकारी और कलाकारों का है।
इस महामारी के चलते हर साल होने वाली शहर की प्रसिद्ध श्री श्रद्धा रामलीला पर भी असर पड़ना लाजमी हो गया है लेकिन वो कहते है न की होता वही है जो राम चाहते है इस लिए इस मुश्किल समय में भी राम लीला का आयोजन किया जाना है हालांकि हर बार की तरह इस बार कुछ बदलाव जरूर हुए है।
वही शहर की सबसे प्रसिद्ध श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी के पदाधिकारी और कलाकार महामारी के समय को लेकर रामलीला मंचन को लेकर काफी असमंजस में थे। उनके लिए यह सबसे बड़ी समस्या थी की इस बार राम लीला मंचन के लिए अनुमति मिलेगी या नहीं।
इसके साथ ही अगर मंचन की अनुमति मिलती है, तो क्या कलकार मंच पर उतरने के लिए सहमत होंगे की नहीं । इसी असमंजस की स्थिति में दिन बीत रहे थे। दो दिन पूर्व तक तो यह स्थिति आ गई कि इस बार शायद रामलीला नहीं होगी, बस दो दिन में फिर परिस्थितियां बदली और अब रामलीला आयोजन का रास्ता साफ हो गया है।
फरीदाबाद की प्रसिद्ध श्री श्रद्धा रामलीला उर्दू में होने वाली फरीदाबाद की पहली राम लीला है वही मुंबई में आरके स्टूडियो में और दिल्ली में जश्न-ए-रेख्ता में रामलीला का प्रदर्शन कर देशभर में सुर्खियां बटोर चुकी श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी इस आपदा एके समय में भी मंचन करने जा रही ही
लेकिन इस बार थोड़े बदलाव के साथ इस राम लीला का मंचन किया जायेगा। फर्क इस बार
यह है की हर बार की तरह सेक्टर-15 के खुले प्रांगण में रामलीला की बजाय आयोजन सेक्टर-14 के डीएवी पब्लिक स्कूल के सभागार में होगा।
यह आयोजन 18 अक्टूबर से 25 अक्टूब तक होगा। शुक्रवार रात्रि से सेक्टर-14 के सामुदायिक भवन में कलाकार रिहर्सल के लिए भी जुटेंगे। महिलाएं ही निभाती हैं महिला पात्र जैसे सीता, कौशल्या, सुमित्रा, कैकेयी, मंथरा, शूर्पनखा, तारा, त्रिजटा, शबरी, ज्ञानवती, पार्वती, राजा जनक की धर्मपत्नी सुनैना, देवी अहिल्या को महिलाएं ही निभाती हैं।
श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी के कलाकारों के अभिनय के चर्चे दिल्ली-एनसीआर में होने के चलते वर्ष 2017 में आरके स्टूडियो से उन्हें मुंबई में आकर मंचन का निमंत्रण मिला था। तब कपूर परिवार और बालीवुड की प्रसिद्ध हस्तियों के समक्ष कमेटी के कलाकारों ने जबरदस्त मंचन कर वाहवाही लूटी थी।
2018 में दिल्ली के प्रसिद्ध जश्न-ए-रेख्ता में भी मंचन का मौका मिला। हमारे लिए यह गर्व की बात है। मौखिक तौर पर हमें अनुमति मिल चुकी है। रामलीला को देखने वालों की संख्या इस बार सीमित रखी गई है। बचाव के सभी नियम अपनाएं जाएंगे।
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