फरीदाबाद शहर में लगभग हर बड़ी कंपनी का शोरूम है जिसमें गाड़ियों के शोरूम सबसे ज़्यादा हैं। हाल ही में, मारुती के शोरूम में लगी आग से 40 गाड़ियां जल कर ख़ाक हो गयीं। नुक्सान इतना ज़्यादा इसलिए भी हुआ क्यूंकि आग पर काबू पाने में ही 12 घंटे लग गए। शहर में जितनी भी बड़ी कंपनियों के शोरूम हैं उनमें से अधिकतर फायर विभाग की एनओसी के बिना ही संचालित किये जा रहे हैं।
स्मार्ट सिटी कहलाया जाने वाला शहर फरीदाबाद के ग्रेटर फरीदाबाद, सूरजकुंड रोड स्थित आकाश से बाते करती इमारतों में करीब 2 लाख से अधिक लोग रह रहे हैं। यदि कभी भी दुर्भाग्यवश इन ऊँची इमारतों में आग लग जाती है तो दमकल विभाग के पास पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में, फरीदाबाद कई मायनों में प्रगति की रेस में अन्य शहरों से पीछे है। फरीदाबाद शहर की 20 लाख से अधिक आबादी है जिसके मुकाबले दमकल की सिर्फ 7 ही गाड़ियां दमकल विभाग के पास उपलब्ध हैं, जो पर्याप्त नहीं हैं।
इतना ही नहीं, फरीदाबाद नगर निगम के पास अपनी हाइड्रोलिक मशीन तक नहीं है। मई 2017 में एक हाइड्रोलिक मशीन गुरुग्राम से फरीदाबाद भेजी गयी थी और वो भी कुछ ऐसी हालत में थी कि एक महीने बाद ही उपयोग के लायक नहीं बची। इतनी पुरानी मशीन फरीदाबाद दमकल विभाग में भेजी गयी। प्रगति की बाते बनाने वाले नगर निगम के अधिकारी पिछले 26 साल में शहर को एक भी हाइड्रोलिक मशीन दिला पाए।
साथ ही, विभाग के पास केवल 35 फुट तक पानी फेंकने की क्षमता की मशीन है। आपातकालीन स्थिति में ये मशीने इमारतों की आधी ऊंचाई तक भी पानी नहीं फेंक पाएंगी। अब आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि किस हद तक संसाधनों की कमी से जूझ रहा है स्मार्ट सिटी का दमकल विभाग।