हाई कोर्ट ने निजी स्कूलों को ज़्यादा फ़ीस वसूलने के मामले में लगायी फटकार। पंजाब के निजी स्कूलों की असोसिएशन ने 1 अक्टूबर को डिवीजन बैंच द्वारा दिए गए उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें निजी स्कूलों को अपना स्टाफ को पूरा वेतन देने व केवल ऑनलाइन क्लास की सुविधा देने वाले स्कूलों को ही बच्चों से टयूशन फीस लेने का आदेश दिया गया है।
इस आदेश के खिलाफ कोर्ट ने शुक्रवार, 9 अक्टूबर 2020 को पंजाब के निजी स्कूलों की मांग को अस्वीकार करते हुए उनकी अर्जी कर दिया है। इसके तुरंत बाद शिक्षा निर्देशक हरियाणा पंचकूला ने सभी जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से प्राइवेट स्कूल संचालकों को हाई कोर्ट के आदेशों को मानने के लिए पत्र जारी कर दिए हैं। हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने इस फैसले पर ख़ुशी जताई है।
हाई कोर्ट का अभिभावकों के पक्ष में 1 अक्टूबर को फैसला आया था। इसके खिलाफ पंजाब के निजी स्कूलों की एसोसिएशन ने कोर्ट में अर्जी लगायी थी। इस अर्जी को कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा की अभिभावकों से गत वर्ष की ही ट्यूशन फीस ही मासिक आधार पर वसूल करें। इसके अलावा अन्य कोई फंड अभिभावकों से ना लें। जिन स्कूल संचालकों ने अभिभावकों से बढ़ी हुई ट्यूशन फीस, ट्रांसपोर्ट फीस, एनुअल चार्ज, कंप्यूटर फीस वसूल कर ली है और उस वसूली की फीस को वापिस करें या आगे की फीस में एडजस्ट करें।
मंच की ओर से चेयरमैन एफएफआरसी कम मंडल कमिश्नर को इस संबंध में पत्र लिखा गया है। पंजाब में हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद अब हरियाणा के लोगों को भी उम्मीद है कि उनके बच्चों की फीस भी माफ़ होगी। अब देखना ये है कि हरियाणा के निजी स्कूलों में भी फीस होती है या नहीं।
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