किसानों को लेकर हरियाणा सरकार ने एक खास कदम उठाया है। जब इस समय पूर्ण देश में किसान विरोधी बातें चल रही हैं ऐसे में यह कदम राहत भरा है। दरअसल, प्रदेश में अब ट्रस्ट मॉडल आधार पर सब्जी एवं बागवानी फसलों का भी बीमा होगा। इस से सब्जी और बागवानी फसल उत्पादकों को आपदा के दौरान मदद मिल सके इसलिए ऐसा किया जा रहा है।
किसानों को लेकर राजनीती भी बहुत हुई है। ऐसे में प्रदेश कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने कहा है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बाद हरियाणा सरकार ने अपने स्तर पर ट्रस्ट मॉडल आधार पर सब्जी एवं बागवानी फसलों को भी बीमा कवर देने का निर्णय लिया है।
बीते दिनों कांग्रेस द्वारा प्रदेश मेंट्रेक्टर रैली हुई है। कांग्रेस का कहना है यह कदम उनके पीछे उठाया गया है। नई बीमा योजना में किसानों को 2.5 प्रतिशत का प्रीमियम देना होगा और उन्हें प्रति एकड़ 40 हजार का बीमा कवर मिलेगा। 14 सब्जियों को इस बीमा कवर में शामिल किया जाएगा। इनमें टमाटर, प्याज, आलू, बंद गोभी, मटर, गाजर, भिंडी, लौकी, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, फूल गोभी व मूली शामिल हैं।
तीन कानूनों को लेकर लगातार प्रदेश में राजनीती गरमाई हुई है। फसल बीमा के नाम पर कांग्रेस के वर्ष 2005 से वर्ष 2014 तक के कार्यकाल में 164.30 करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर दिए गए। जबकि भाजपा के कार्यकाल में किसानों से प्रीमियम के रूप में 914 करोड़ रुपये लिए गए और उन्हें बीमा लाभ के रूप में 2943.92 करोड़ रुपये दिए गए।
किसी भी किसान हितेषी कदम में विपक्ष को सरकार का साथ देना चाहिए। लेकिन कांग्रेस इस समय ओछी राजनीती करने पर उतर गई है। आपको बता दें, 60 हजार मीट्रिक टन बाजरा, 15 लाख मीट्रिक टन धान तथा तीन लाख क्विंटल कपास की खरीद की है और इसके लिए 450 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है, जो सीधे किसानों के खातों में पहुंचाई जाएगी।