कोरोना वायरस महामारी के चलते जहां देश भर में देशव्यापी लॉक डाउन के बाद भी कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है वहीं कोरोना का यही प्रभाव हरियाणा राज्य में भी देखने को मिला रहा है जिसके चलते हरियाणा प्रदेश में भी लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जिसको देखते हुए कुछ दिनों पहले हरियाणा के स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री अनिल विज द्वारा बयान दिया गया कि हरियाणा में अधिकतर कोरोना संक्रमित मामले दिल्ली से आ रहे हैं इसलिए दिल्ली सरकार दिल्ली से हरियाणा के जिलों में आने वाले लोगों के लिए पास वितरित करना बंद करें और इसके साथ ही दिल्ली से हरियाणा के सभी जिलों में आने वाली सब्जी पर भी हरियाणा सरकार द्वारा रोक लगा दी गई और दिल्ली से सटे हरियाणा के सभी जिलों में दिल्ली के बॉर्डर पर अधिक सख्ती रखने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए है।
इसी के चलते फरीदाबाद जिला उपायुक्त ने दिल्ली बदरपुर बॉर्डर से आवागमन पर सख्ती बढ़ा दी है। आसपास के जिलों से और दिल्ली से कोरोना के खतरे को देखते हुए
जिला उपायुक्त यशपाल यादव ने भारतीय दंड प्रक्रिया 1973 की धारा 144 के तहत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 29 अप्रैल दोपहर 12:00 बजे तक
ही डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, कॉलेज, बैंक कर्मियों को पहचान पत्र दिखाकर फरीदाबाद में प्रवेश करने की छूट प्रदान की है।
बुधवार 29 अप्रैल दोपहर के बाद दिल्ली में काम करने वाले डॉक्टर, बैंक कर्मी और पुलिस कर्मी भी फरीदाबाद में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। इन सभी को दिल्ली में ही अपने कार्यस्थल के आसपास रहने की व्यवस्था करनी होगी। मंगलवार देर रात जारी आदेशों में कहा गया है कि सिर्फ केंद्र सरकार के सक्षम अधिकारी द्वारा जारी पास से ही फरीदाबाद सीमा में प्रवेश करने दिया जाएगा।
इस दौरान भारी वाहनों, माल ढुलाई करने वाले वाहनों, बैंकिंग सुविधाओं से जुड़े वाहन, आवश्यक वस्तुओं, दवा से जुड़े वाहनों के आवागमन की छूट रहेगी। इनके लिए पृथक लेन की व्यवस्था की जाएगी और तीन मई तक कोई नया निर्देश नहीं आने तक यही व्यवस्था जारी रहेगी।