लॉक डाउन के दौरान तेजी से बढ़ रहे द्विपक्षीय झगड़ों एवं घरेलू हिंसा के मामलों में खोले गए शराब के ठेकों का रहेगा कितना योगदान

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कोरोना वायरस के चलते किए गए देशव्यापी लॉक डाउन के कारण वर्तमान दौर में देश के अधिकतर लोग अपने घरों में बंद है और ऐसे में देश के भिन्न भिन्न इलाकों से लोगो में दो पक्षों के बीच आपसी झड़प एवं घरेलू हिंसा की काफी खबरें देखने को मिल रही है।

जहां एक तरफ पुलिस प्रशासन प्रत्येक गली मोहल्लों में नाके लगाकर लोगों को उनके घरों से बाहर ना निकलने के लिए उन्हें समझा-बुझाकर एवं दंडित कर उनसे प्रशासन द्वारा दिए गए दिशा निर्देशो का पालन करवाने कि कोशिश कर थी है और लोगों से लगातार घरों में रहने की अपील कर रही है। वहीं दूसरी ओर आपसी झड़प ओर घरेलू हिंसा के मामले में भी लगातार बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है जिसे पुलिस प्रशासन के लिए दोहोरी मुश्किलें पैदा हो रही है।

इन मामलों के आंकड़ों का पता लगाने के लिए जब हमने हरियाणा प्रांत के फरीदाबाद जिले फरीदाबाद की एनआईटी क्षेत्र की एक पुलिस चौकी से संपर्क कर वहां पर मौजूद पुलिसकर्मियों से ये जानने की कोशिश करी की लॉक डाउन के दौरान कितने घरेलू हिंसा एवं आपसी झड़प के मामले उसके क्षेत्र से सामने आए थे उन्होंने बताया कि उनके इलाके से अब तक 15 से 20 ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से कई मामले घरेलू हिंसा के है।

अधिकतर मामले में पुलिस द्वारा लोगों को समझा-बुझाकर आपसी सुलह करवा दी जाती है लेकिन अधिक गंभीर मामले में पुलिस अपनी कार्यवाही को भी अंजाम दे रही है। पुलिस का कहना है कि कोरोना वायरस की गाइडलाइन का पालन करवाने के साथ-साथ इस प्रकार के मामले सामने आना उनके लिए अधिक मुश्किलात पैदा कर रहा है।

वहीं अब लॉक डाउन के तीसरे चरण में सरकार द्वारा शराब के ठेकों को खोलने के लिए दी गई छूट इस प्रकार के मामलों की संख्या में वृद्धि करने का एक बड़ा कारण बन सकती है। क्योंकि अक्सर इस प्रकार के मामलों में एक बड़ा कारण शराब पाई जाती है लेकिन यदि शराब बैन होने के बाद भी इस प्रकार के मामले सामने आ रहे हैं तो शराब के ठेके खुल जाने के बाद इस प्रकार के मामलों में तेजी से वृद्धि देखने को मिल सकती है।

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