एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है और वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है । इस दौरान भी पाकिस्तान कभी बॉर्डर पर सीमा का उलंघन तो कभी अतंकवादी हमला , शायद पाकिस्तान को अपने देश कि सुरक्षा से ज़्यादा हिंदुस्तान को ठेस पहुंचाने का दिल चाहता है । लेकिन पाकिस्तान चाहे कितनी ही कोशिश क्यों ना कर ले हिंदुस्तान की टक्कर लेना उसके बस्की बात नहीं ।
बॉर्डर पर पाकिस्तान ने मुकी खाने के बाद अब दूसरे तरीके से हिंदुस्तान को परेशान करने की ठानी है लेकिन भारत ने भी करारा जवाब देते हुए पाकिस्तान को चेतावनी दे दी।
भारत में गिलगिट बालटिस्तान इलाके में चुनाव कराने के पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आपत्ति जताते हुए पाकिस्तान को चेतावनी भरी भाषा में डेमार्श जारी किया है भारत ने पाकिस्तान को इसी के साथ साथ इन दोनों जगहों को खाली कराने को भी कहा है । शायद अब हिंदुस्तान अपनी जमीन पर पाकिस्तान को एक क्षण भी नहीं रहने देगा। भारत की चेतावनी भरी बातों को सुनकर ऐसा लगा कि शायद अब भारतीय सेना देश का एक टुकड़ा भी पाकिस्तान पर नहीं रहने देगी।
भारत ने पाकिस्तान के सामने दो बातों में स्पष्ट किया है कि गिलगित बालटिस्तान का क्षेत्र भारत का वैध अभिन्न हिस्सा है और पाकिस्तान न्यायिक व्यवस्था का उसको लेकर फैसला लेने या देने का कोई अधिकार नहीं है इसलिए पाकिस्तान अपनी सीमा के अंतर्गत ही काम करें और भारत को उकसाने का कार्य ना करें
सूत्रों के मुताबिक पिछले गुरुवार को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार को यह आदेश दिया है कि वह गिलगित बालटिस्तान में आम चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकती है और नई सरकार के गठन तक वहां एक अस्थाई सरकार का गठन भी कर सकती है।
इसी के मद्देनजर भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि जम्मू कश्मीर का पूरा संभाग गिलगित बालटिस्तान समेत पूरा लद्दाख का क्षेत्र पूरी तरह से भारत के वेद व अपरिवर्तनीय कदम है पाकिस्तान ने इसे गैरकानूनी व ताकत के जरिए कब्जा किया है जिस पर मां की न्यायिक व्यवस्था का कोई हक नहीं है भारतीय विदेश मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब जम्मू-कश्मीर के नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों के बीच लगातार भीषण गोलाबारी हो रही है सीमा पार से हाल के हफ्तों में लगातार दोनों सेनाओं के बीच लड़ाई चल रही है। भारतीय सैनिकों को भी वीरगति प्राप्त हो चुकी है ।
भारत ने यह भी कहा कि पिछले 7 दशकों से इस इलाके के लोगों का पाकिस्तान दमन कर रहा है और उनकी आजादी की मांग को कुचल रहा है ।अंत में भारत ने वर्ष 1994 में भारतीय सांसद में कश्मीर को लेकर स्वीकृत प्रस्ताव की भी दिलाई है जिसमें समूचे जम्मू व कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बताया गया था ।
सोचने वाली बात तो यह है कि इस महामारी के दौरान भी पाकिस्तान को इन बातों की सोच रही है आखिर क्यों पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आता भारतीय सैनिकों का बलिदान आखिर कब तक चुप होकर देखा जाएगा ,किस दिन सरकार पाकिस्तान की नापाक हरकतों पर पूर्ण तरह रोक लगा सकेगी।