अपने घरों तक पहुंचाने के लिए सरकार का विकल्प अशिक्षित लोगों के पहुंच से बाहर ।

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कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा आए दिन हजारों की संख्या में वृद्धि पूरे देश की बागडोर को प्रभावित कर रही है। ऐसे सामान्य वाहन से लेकर रेलवे ट्रैक का चक्का जाम है। जो लोग अन्य प्रदेशों में फंसे हुए है और जो अपने पैतृक गांव लौटना चाहते है उनके लिए हरियाणा सरकार ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है।

उक्त विषय के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा आने और हरियाणा से बाहर जाने के इच्छुक लोगों को सरकार द्वारा ई-दिशा पोर्टल पर सृजित वेब पेज https://edisha.gov.in/eForms/MigrantService पर अपना पंजीकरण करवाना होगा। ऐसे पंजीकरण में सहायता के लिए हारट्रोन द्वारा एक कॉल सेंटर चलाया जाएगा जो ई-दिशा पोर्टल पर पंजीकरण करेगा।

इसके अतिरिक्त, मूवमेेंट पास प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्ति नम्बर-1950 पर संबंधित जिलों के नियंत्रण कक्ष से या नंबर-1100 पर राज्य नियंत्रण कक्ष से संपर्क कर सकते हैं। हरियाणा आने और हरियाणा से बाहर जाने वाले लोगों से संबंधित सभी जानकारी को इलेक्ट्रॉनिक या कागजी रिकॉर्ड के रूप में रखा जाएगा और चिकित्सा जांच के दौरान प्रवेश या निकास बिंदुओं पर उनकी जांच की जाएगी।

लेकिन यहां सरकार की कार्यशैली पर कई प्रश्न उठते है कि इस बात से सभी अवगत है कि पलायन करने वाले लोग कोई और नहीं वाली वो मजदूर है जो सुबह कमाते और शाम को अपने निवाले का प्रबन्ध कर पाते है, ऐसे में सरकार को यह सोचना चाहिए कि यह काम कोई जानबूझ कर नहीं करता बल्कि अशिक्षित वर्ग होने का श्राप लोगों से यह कार्य करवाता है।

ऐसे में सरकार ने जो विकल्प चूना है प्रवासियों को अन्य राज्यो में भेजना चाहते है या जिन्हें वो हरियाणा राज्य में लाना चाहते है उनमें अधिकांश लोगों में शिक्षा का अभाव है तो यह लोग इस विकल्प का चयन करने में कैसे सक्षम हो सकेंगे।

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