नगर निगम और सरकार ने फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए अनेकों दावे किए हैं पर फरीदाबाद की बेहाल स्थिति निगम के ढोल की पोल खोल रही है । दिल्ली एनसीआर का हिस्सा फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी का दर्जा भले ही आधिकारिक रूप से मिल गया हो लेकिन फरीदाबाद में आज भी अनेकों समस्याएं हैं जो शहर को स्मार्ट सिटी बनने नहीं दे रही।
समस्याएं अनेक पर समाधान एक का भी नहीं
पानी की निकासी की दिक्कत हो या फिर कूड़ा डंपिंग की, फरीदाबाद का हाल इन सभी समस्याओं के कारण बेहाल है। इतना ही नहीं कई कंपनियां तो जहरीले केमिकल को घोलकर नालों में डालती है इसका खामियाजा भुगत ती है फरीदाबाद की निर्दोष जनता।
सड़कों के किनारों पर धूल मिट्टी हो या कूड़ा कचरा सब एक समान है और सालों से ऐसे ही पड़ा हुआ है। नगर निगम विकास के और स्वच्छता के दावे तो अनेक करता है पर सभी दावों पर खरा नहीं उतर पाता। ऐसे में यह गंदगी भरे दृश्य इस शहर के स्मार्ट सिटी होने पर सवाल खड़े करते हैं।
कहीं हवा में प्रदूषण तो कहीं नालो और सड़कों पर, स्थानीय निवासियों का कहना है कि गंदगी के अंबार के चलते यहां अनेकों बीमारियां पनप रही हैं और जीना भी मुश्किल हो चुका है। स्थानीय निवासियों का जब गुस्सा फूटा तो उनका कहना था कि विकास रोजगार और साफ-सफाई को लेकर बड़े-बड़े दावे तो किए जाते हैं लेकिन चुनावों के बाद ही उन वादों पर कोई गौर नहीं करता।
स्थानीय निवासियों ने कई बार नगर निगम प्रशासन और अधिकारियों का दरवाजा खटखटाया है पर खासी सफलता उनके हाथ नहीं लगी है। वहीं दूसरी ओर फरीदाबाद जिला उपयुक्त यश गर्ग का कहना है कि निगम इन सभी समस्याओं का जल्द हल निकालने के लिए दिन-रात एक किया है और निरंतर विकास और स्वच्छता की दिशा में काम किया जा रहा है।
अब सवाल यह है कि अगर काम किया जा रहा है तो फिर शहर में इतनी गंदगी क्यों है इसका जवाब कौन देगा ?