जानिए प्रदूषण से निपटने के सरकारी प्रयासों में है कितना दम

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दीपावली के आसपास सभी इलाकों में प्रदूषण के स्तर में आये उछाल के साथ ही सोशल मीडिया एक मज़ाकिया मैसेज वायरल होने लगता है

“कब तक ज़िंदगी काटोगे, सिगरेट-बीड़ी और सिगार में;

कुछ दिन तो काटो हमारे एनसीआर में …….

जानिए प्रदूषण से निपटने के सरकारी प्रयासों में है कितना दम

और यही आज का क्रूर सच भी है। इस वक्त पूरे शहर की हवा में सांस लेना हर रोज़ करीब 40 से 50 सिगरेट पीने के बराबर है और यह सिर्फ़ फैशनेबल आंकड़ेबाज़ी नहीं हैं। देश और दुनिया की तमाम विशेषज्ञ रिपोर्ट बताती आयी हैं कि विश्व के 30 सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में 20 से अधिक भारत के हैं। फरीदाबाद के अल्वा अन्य शहर की की बात की जाये तो दिल्ली एनसीआर ,गाजियाबाद एवं अन्य कई राज्य है जिनमे प्रदुषण का स्तर बहुत हद तक बढ़ चूका है।

इस समय हम केवल एक नहीं बल्कि दो बीमारियों से जूझ रही है। घर से बहार निकलते है महामारी एवं प्रदुषण नाम का खतरनाक राक्षस द्वार पर ही हमारा स्वागत क्र रहा होता है।

जानिए प्रदूषण से निपटने के सरकारी प्रयासों में है कितना दम

इससे बचाव के लिए सरकार भी कई दोष कदम उठा रही है लेकिन सवाल तब उठता है जब इतनी सुरक्षा करने बाद भी प्रदुषण और महामारी से कोई बचाव नहीं हो रहा हो। महामारी और प्रदुषण से बीमार होने वाले मरीजों की सख्या में दिन प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। फरीदाबाद में आज का प्रदुषण स्तर 410 है।और साथ ही महामारी से संक्रमितों को संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है।

सरकार ने प्रदुषण से बचाव के लिए जेनरेटर बेन कर दिए है ,अब रात की जगह दिन में वेक्यूम क्लीनर का रात में प्रयोग किया जा रहा है। ताकि प्रदुषण स्तर का लेवल कम किया जाये।नगर निगम द्वारा जगह जगह पानिओ का झिड़काब किया जा रहा है।

लेकिन हैरानी की बात तो यह है इतने कदम उठाने के बाद भी मरीजों की संख्या ,प्रदुषण स्तर कम नहीं हो रहा है। वायु प्रदूषण के मामले में दिल्ली और इसके आसपास के शहरों के अलावा देश के तमाम महानगरों की हालत पतली है।

जानिए प्रदूषण से निपटने के सरकारी प्रयासों में है कितना दम

मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे तटीय महानगरों में भी वायु प्रदूषण चिंताजनक स्तर पर है। जबकि वहां अच्छी वायु गति के कारण कम प्रदूषण की उम्मीद की जाती है। और अब देश के लिए प्रदुशासन का स्तर बढ़ना सिर्फ फरीदबाद ,दिल्ली एनसीआर

सरकार ने प्रदुषण से बचाव के लिए जेनरेटर बेन कर दिए है ,अब रात की जगह दिन में वेक्यूम क्लीनर का रात में प्रयोग किया जा रहा है। ताकि प्रदुषण स्तर का लेवल कम किया जाये।नगर निगम द्वारा जगह जगह पानिओ का झिड़काब किया जा रहा है।ऐसे कई अन्य कदम है जो सरकार उठा रही है प्रदुषण के स्तर को कम करने के लिए। प्रसाशन द्वारा प्रदुषण को रोकने के लिए कई वादे भी किये थे परन्तु सभी वादे धरे की धरे रह गए। नगर निगम द्वारा 40 टेमो का घट्न किया जाना था प्रदुषण स्तर को रोकने के लिए परन्तु अब तक कोई भी टीम गाडित नहीं की गयी। क्या इसी तरीके से प्रसाशन झूठे वादे करती रहेगी और लोगो की नजरो में धुल झोंकती रहेगी ????