प्रदेश में प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है जिसे नियंत्रण में करने के लिए सरकार को काफी मशक्क़त करनी पड़ रही है। प्रदूषण को नियंत्रण में करने के लिए सरकार ने दिवाली से पहले पटाखों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। हरियाणा सरकार समेत राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने हरियाणा, दिल्ली, और UP समेत अन्य राज्यों में पटाखों को 7 नवंबर से 30 नवंबर के बीच बैन करने को लेकर फैसला लिया है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि पटाखों से होने वाले प्रदूषण से कोविड-19 के प्रसार के जोखिम को रोकने के लिए सरकार ने राज्य में पटाखों की बिक्री व आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है।
इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी होगा। बता दें कि प्रदूषण का स्तर जिस खतरनाक तरीके से प्रतिदिन बढ़ रहा है, उसने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। शुक्रवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) फतेहाबाद में 627 माइक्रोग्राम पर पहुंचा।
फतेहाबाद समेत फरीदाबाद में भी प्रदूषण का स्तर शनिवार की सुबह ही 410 रिकॉर्ड किया गया है। 5 जिलों में एक्यूआई 400 से 500 के बीच गंभीर स्तर पर रहा। वहीं, 8 जिलों में यह 300 से 400 के बीच रहा। यह प्रदूषण का बेहद गंभीर व इमजेंसी स्तर है। बढ़ते प्रदूषण के ऐसे माहौल में स्वस्थ व्यक्ति के भी बीमार होने का खतरा रहता है तो मरीज़ों को कितना नुक्सान पहुँचता होगा इस बात का अंदाजा आप लगा सकते हैं।
प्रदूषण को नियंत्रण में करने के लिए सरकार नए नवीन कदम उठा रही है पर सभी प्रयास फेल होते नज़र आ रहे हैं। फिलहाल, 7 नवंबर से पूरे महीने के लिए पाठकों के इस्तेमाल और खरीद पर बैन लगाया गया है। इससे पहले भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दो टीमों का भी गठन किया था जो प्रदूषण को नियंत्रण में रखने के लिए सुचारू रूप से काम कर रही थी पर फिर भी इन प्रयासों के बाद भी प्रदूषण को नियंत्रण में करने की कोई सफलता हाथ नहीं लगी है।
वहीँ पटाखा व्यापारियों का कहना है कि अगर पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी पर रोक इतनी ही ज़रूरी था तो सरकार को पहले ही जनता तक इस बात की सूचना पहुंचानी चाहिए थी। कम से कम कारोबारियों का लाखों का माल ब्लॉक न होता।
“सरकार को पटाखों पर बैन लगाना ही था तो पहले बता देती और हमें लाइसेंस जारी न करती। हम कोई और काम कर लेते। हमने जो माल उठा रखा है जो बुकिंग कर रखी है वो तो वेस्ट हो गई। हमें कम से कम 15 लाख का नुकसान हो रहा है: पटाखों पर लगाए गए बैन पर एक विक्रेता, दरीबा कलां”