बदलते समय के साथ सब कुछ बदलता जा रहा है और इस बार की दिवाली भी पहले की दिवालियों से अलग होने वाली है।। भारत के पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते बदलने का सीधा असर दोनों ही देशों की कारोबार और अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। इतने सालों से गर्मजोशी भरे रिश्तों को सींचते आये दोनों देशों के रिश्तों में अब खटास आती जा रही है। जिसके चलते भारत ने चीन पर डिजिटल स्ट्राइक भी की जिसमें चीन की कई बड़ी ऐप्प्स बैन की थी जिससे चीन फिलहाल तिलमिलाया हुआ है।
इतना ही नहीं, भारत ने भारत ने चाइना से सामान का लेनदेन इंपोर्ट एक्सपोर्ट भी बंद कर दिया है और स्वदेशी सामान को ही बढ़ावा दिया जा रहा है इतना ही नहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश के नाम अपने संबोधन में वह कल पर लोकल का नारा दिया जिसका प्रभाव सभी बड़े त्योहारों पर भारत में देखने को मिल रहा है।
जब चाइना ने गलवान घाटी में जबरन घुसपैठ कर भारतीय जवानों को हानि पहुंचाने की कोशिश की, तब ही से सरकार समेत सभी कारोबारियों और दुकानदारों का गुस्सा भी सातवें आसमान पर था। इसी के चलते व्यापारियों ने भी दृढ़ संकल्प कर लिया था कि चाइनीस सामान का बहिष्कार करेंगे और लोकल वस्तुओं को बढ़ावा देंगे।
इस दिवाली दुकानदारों ने चाइनीस झालर रंग बिरंगी लाइटों और बल्ब अन्य सजावटी सामान की बिक्री से तौबा कर ली है। दिवाली के लिए साज सजावट के सामान की खरीदारी के लिए बाजारों में ग्राहकों की चहल-पहल बढ़ती जा रही है। हालांकि, पिछले साल के मुकाबले इस बार तिथि कुछ अलग होगी और साथ ही देसी सामान की भरमार रहेगी।
वोकल फॉर लोकल के लिए ग्राहक है जागरूक
दुकानदारों का कहना है कि ग्राहकों में भी कम दाम में देशी और बढ़िया सामान खरीदने की चाह बढ़ गई है। ग्राहक उनसे सामान देखते हुए पूछते हैं कि समान चाइनीस तो नहीं है क्योंकि ग्राहक भी जागरूक हैं और चीन का सामान खरीदने से परहेज रहे हैं। दुकानदार भी लड़ियों की बजाए फूलों से घर को सजाने की सुझाव दे रहे हैं जिससे फूल बेचने वाले छोटे दुकानदारों को को भी दिवाली के त्योहार पर फायदा हो सके।