अरावली पर्वत श्रंखला के अंदर पिछले दो महीनों से तेंदुए की बढ़ती हलचल को देखते हुए हरियाणा वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट ने फिर से सर्वे कराने का फैसला लिया है। हालांकि अभी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन हरियाणा सरकार वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया, देहरादून से संपर्क कर रही है। क्योंकि साल 2015 में किया गया सर्वे भी इसी इंस्टिट्यूट ने किया था।
अरावली पर्वत श्रंखला का दायरा फरीदाबाद व गुड़गांव में काफी बड़ा है। इसमें वन्य जीवों की संख्या ज्यादा है। अगर साल 2000 की बात करें तो अरावली के अंदर केवल 2 या तीन तंदुए ही थे, लेकिन अब इनकी संख्या काफी बढ़ गई है। हरियाणा फॉरेस्ट ने अपने स्तर पर साल 2012 में सर्वे किया था। जिसमें कर्मचारियों ने पैदल चलकर पंजों के निशान से जीवों की संख्या का अध्ययन किया था।
उस समय अरावली में कुल 8 तेंदुए होने की बात सामने आई थी। इसके अलावा, लोमड़ी, लकड़बग्घा, नीलगाय आदि जीवों की संख्या में बारे में पता किया था। इसके दो साल बाद 2015 में वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया को अरावली में जीवों की सही स्थिति का पता लगाने का काम सौंपा गया, जिसमें इंस्टिट्यूट की टीमों ने अरावली के गुड़गांव, फरीदाबाद, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और मेवात से सटे पहाड़ियों में सर्वे किया।
इस दौरान मांगर, बंधवाड़ी, वजीराबाद, भोंडसी, घोटरा, अनंगपुर में कुल 12 कैमरे भी लगाए गए। दो साल काम करने के बाद इसकी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अरावली में तेंदुओं की संख्या 31 है।
लेकिन पिछले दो महीनों से गुड़गांव, फरीदाबाद व मेवात के कई इलाकों में तेंदुए की हलचल बढ़ गई है, जिसे अनुमान लगाया जा रहा है कि इनकी संख्या में और भी इजाफा हुआ होगा। चीफ वाइल्ड लाइफ वॉर्डन वीएस थानश्वर ने बताया कि अरावली में तेंदुए की संख्या काफी बढ़ रही है, ये काफी अच्छी बात है। वैसे डिपार्टमेंट की बात चल रही है कि वह फिर से ताजा सर्वे कराए।