प्रदूषण का स्तर जिस खतरनाक तरीके से प्रतिदिन बढ़ रहा है, उसने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। प्रदूषण को नियंत्रण में करने के लिए सरकार आए दिन नई तरकीबें निकाल रही है। इसी बीच राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने पटाखों को 7 नवंबर से 30 नवंबर के बीच बैन करने को लेकर फैसला लिया है।
हरियाणा सरकार ने भी प्रदूषण की बढ़ती समस्या को नियंत्रण में करने के लिए पटाखों पर बैन लगाया है पर प्रदूषण की समस्या ऐसे बढ़ रही है कि मानो फरीदाबाद इस प्रतियोगिता में टॉप कर रहा हो। दिल्ली एनसीआर को जहरीली हवा से राहत नहीं मिल रही।
शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 400 के पार हो गया है। यह आंकड़े बेहद चिंताजनक है। एनसीआर में 442 AQI के साथ फरीदाबाद पूरे एनसीआर एरिया का सबसे प्रदूषित शहर बन चुका है। जिसने गुरुग्राम और राजधानी दिल्ली को भी पीछे छोड़ दिया है।
गौरतलब है कि अभी दिवाली आई भी नहीं है और उससे पहले ही प्रदूषण का स्तर भयानक तरीके से बढ़ता ही जा रहा है। प्रदूषण को नियंत्रण में करने के लिए सरकार अपनी तरफ से तो अनेकों प्रयास कर रही है पर फिर भी सरकार के सभी प्रयास विफल होते नजर आ रहे हैं।
फरीदाबाद में राजकीय मथुरा रोड सुबह से स्मॉग की चादर में लिपटी हुई है जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदूषण की समस्या किस हद तक पहुंच चुकी है। इतना ही नहीं अभी तो देश से महामारी का खतरा टला नहीं है और बढ़ता प्रदूषण मरीजों में सांस और हृदय संबंधी तकलीफों में इजाफा होने का मुख्य कारण बन गया है। बढ़ते प्रदूषण के आंकड़ों के मुताबिक दिवाली तक भी कोई राहत नहीं मिलेगी।