पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट द्वारा भारत के अभिन्न हिस्से गिलगित, बालिस्टान में आम चुनाव करवाने के आदेश दिए गए थे। अब इन क्षेत्रों पर पाकिस्तान द्वारा अवैध कब्जा करने पर भारत ने निंदा करते हुए आपत्ति दर्ज कराई है। इस विषय पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत ने पाकिस्तान के एक वरिष्ठ राजनयिक को बुलाकर पीओके में किसी भी तरह का बदलाव किए जाने के प्रयास पर विरोध जताया।।
क्षेत्रों पर कब्जा करने के लिए पाक का तरीका
1947 में देश के विभाजन के दौरान गिलगित-बाल्टिस्तान यह क्षेत्र न तो भारत का हिस्सा था और न ही पाकिस्तान का। 1935 में ब्रिटेन ने इस हिस्से को गिलगित एजेंसी को 60 साल के लिए लीज पर दिया था, लेकिन अंग्रेजों ने इस लीज को एक अगस्त 1947 को रद्द करके क्षेत्र को जम्मू एवं कश्मीर के महाराजा हरि सिंह को लौटा दिया।
कब बना जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग
राजा हरि सिंह ने पाकिस्तानी आक्रमण के बाद 31 अक्तूबर 1947 को पूरे जम्मू और कश्मीर का विलय भारत में कर दिया। हालांकि पाकिस्तान ने इस फैसले का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध किया। लेकिन, संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप के बाद उसने भी 1949 में इस फैसले पर हस्ताक्षर कर दिए।
विद्रोह
गिलगित-बाल्टिस्तान के स्थानीय कमांडर कर्नल मिर्जा हसन खान ने जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय के कारण 2 नवंबर 1947 को विद्रोह कर दिया। उसने जम्मू-कश्मीर से गिलगित-बाल्टिस्तान की आजादी का ऐलान भी कर दिया। हालांकि पाकिस्तानी आक्रमण के कारण यह इलाका उसके कब्जे में आ गया और संयुक्त राष्ट्र द्वारा सीजफायर घोषित करने के बाद से पाक का यहां कब्जा बना रहा।
कब्जे के लिए चली यह चाल
भारत से युद्धविराम के बाद पाकिस्तान ने दिखावे के लिए पीओके में एक मुखौटा सरकार का गठन किया जिसका कंट्रोल पूरी तरह से पाकिस्तान के हाथ में था।
तबतक गिलगित-बाल्टिस्तान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का हिस्सा माना जाता रहा। 28 अप्रैल 1949 को पीओके की मुखौटा सरकार ने गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान को सौंप दिया।
भारत के समर्थन के लिए आगे आए विदेशी
2017 में ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी के तत्कालीन सांसद बॉब ब्लैकमैन की ओर से 23 मार्च को ब्रिटिश संसद में एक प्रस्ताव पेश किया गया। इसमें कहा गया कि गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा कर रखा है। उसे अपना कब्जा छोड़ना चाहिए।
ReturnPOK
सोशल मीडिया में आज सुबह से #ReturnPOK ट्रेंड कर रहा है। लोग पाकिस्तान को पीओके पर अवैध रूप से कब्जा करने को लेकर जमकर खरीखोटी भी सुना रहे हैं।