HomeEducationलाखों सालो पहले बना था एक ऐसा रहस्यमयी पुल, जिसको लेकर सालो...

लाखों सालो पहले बना था एक ऐसा रहस्यमयी पुल, जिसको लेकर सालो से वैज्ञानिक है अचंभित

Published on

राम और रामायण आदि काल से लोगों की आस्‍था का केन्‍द्र रहे हैं। रामायण की माने तो अधर्मी रावण को मार कर प्रभु श्री राम ने धर्म की स्‍थापना की थी। वैसे कुछ लोगों का मानना है कि प्रभु श्री राम ने धरती पर जन्‍म लिय भी था। क्‍या रावण के सच मे दस सिर और बीस हाथ थे। क्‍या हनुमान जी अपना रूप मनचाहा बड़ा सकते थे।

ऐसे कई सवाल है जो समय-समय पर लोगों के जेहन मे आते हैं। उसमे सबसे बड़ा सवाल है राम सेतु का जिसे श्री राम ने बना कर वानर सेना के साथ रावण की नगरी लंका पर हमला बोला था। आज हम आप को रामायण से जुड़े कुछ ऐसे तथ्‍यों से अवगत कराने जा रहे हैं जिसके बाद आप कह सकेंगे कि ये सब सत्‍य है। रामायण मे जो कुछ भी लिखा है वह शतप्रतशित सत्‍य है।

लाखों सालो पहले बना था एक ऐसा रहस्यमयी पुल, जिसको लेकर सालो से वैज्ञानिक है अचंभित

दरअसल रामायण और प्रभु श्री राम के होने प्रमाण राम सेतु है। समुद्र के ऊपर श्रीलंका तक बने इस सेतु के बारे में रामायण में लिखा है। इसकी खोज भी की जा चुकी है। ये सेतु ऐसे पत्थरों से बना है जो पानी मे तैरते हैं। भगवान राम ने अपने सहयोगियों की मदद से जिस सेतु का निर्माण किया लंका पहुँचने के लिए वो अटल रहा।

वो जिस पत्थर से बना था वो पत्थर पानी में डूबे नहीं बल्कि तैरते रहे, जिसकी वजह से भगवान् राम की सेना ने लंका पर विजय प्राप्त करके माता सीता को वापस अयोध्या ले आए। हम आपको बताएँगे कि आखिर क्यों वो पत्थर नहीं डूबे।

लाखों सालो पहले बना था एक ऐसा रहस्यमयी पुल, जिसको लेकर सालो से वैज्ञानिक है अचंभित

रामसेतु जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘एडेम्स ब्रिज’ के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस पुल को बनाने के लिए जिन पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था वह पत्थर पानी में फेंकने के बाद समुद्र में नहीं डूबे. बल्कि पानी की सतह पर ही तैरते रहे.

ऐसा क्या कारण था कि यह पत्थर पानी में नहीं डूबे? कुछ लोग इसे धार्मिक महत्व देते हुए ईश्वर का चमत्कार मानते हैं लेकिन साइंस इसके पीछे क्या तर्क देते है यह बिल्कुल विपरीत है।

लाखों सालो पहले बना था एक ऐसा रहस्यमयी पुल, जिसको लेकर सालो से वैज्ञानिक है अचंभित

विज्ञान का मानना है कि रामसेतु पुल को बनाने के लिए जिन पत्थरों का इस्तेमाल हुआ था वे कुछ खास प्रकार के पत्थर हैं

लाखों सालो पहले बना था एक ऐसा रहस्यमयी पुल, जिसको लेकर सालो से वैज्ञानिक है अचंभित

जिन्हें ‘प्यूमाइस स्टोन’ कहा जाता है। यह पत्थर ज्वालामुखी के लावा से उत्पन्न होते हैं। जब लावा की गर्मी वातावरण की कम गर्म हवा या फिर पानी से मिलती है तो वे खुद को कुछ कणों में बदल देती है।

Latest articles

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...

पुलिस का दुरूपयोग कर रही है भाजपा सरकार-विधायक नीरज शर्मा

आज दिनांक 26 फरवरी को एनआईटी फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा ने बहादुरगढ में...

More like this

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...