ऑनलाइन मीडिया को ऊल जलूल खबरें डालना पड़ेगा भारी, सरकार की तीखी नजरों से नहीं हो पाएगा बचाव

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केंद्र सरकार द्वारा बुधवार को ऑनलाइन डिजिटल मीडिया को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में संम्मित किए जाना का प्रस्ताव जारी किया है। इस प्रस्ताव के तहत ऑनलाइन मीडिया, सोशल मीडिया पर बने करंट अफेयर और न्यूज़ सम्बंधित प्लेटफॉर्म्स को आईबीएम मिनिस्ट्री में सम्मिलित किया जाएगा।

इसी के साथ साथ ओटीटी प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स, एमेजॉन प्राइम वीडियो और डिज्नी हॉटस्टार को भी आईबीएम मिनिस्ट्री के अंतर्गत लाया जा रहा है। आपको बता दें कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आईबीएम द्वारा ऑनलाइन मीडिया एवं ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को क्या फरमान दिए जाएंगे।

ऐसे में सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से अभी तक किसी से कोई ख़ास प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है। कहा जा रहा है कि तमाम ऑनलाइन मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को सेंसर बोर्ड के अंतर्गत कर दिया जाएगा।

ऑनलाइन मीडिया को ऊल जलूल खबरें डालना पड़ेगा भारी, सरकार की तीखी नजरों से नहीं हो पाएगा बचाव

कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार के पास सभी ओटीटी प्लेटफार्म के कंटेंट को लेकर पॉलिसी बनाने का अधिकार रहेगा। जिसके तहत सरकार कंटेंट पर नजर रख सकती है जैसे टीवी और प्रिंट मीडिया का कंटेंट पर ध्यान किया जाता है। भारत सरकार के 1961 प्रावधान के तहत सभी ऑनलाइन मीडिया पर प्रसारित किए जाने वाले शो और न्यूज़ को आईबीएम मिनिस्ट्री के अंतर्गत लिया जा रहा है।

ऑनलाइन मीडिया को ऊल जलूल खबरें डालना पड़ेगा भारी, सरकार की तीखी नजरों से नहीं हो पाएगा बचाव

इन सभी रूल्स को भारत सरकार द्वारा 3075 अमेंडमेंट 2020 बताया जा रहा है। आपको बता दें कि इन ओटीटी प्लेटफॉर्म को पर जो भी कंटेंट साझा किया जाता था अब भारत सरकार द्वारा उसपर नजर राखी जाएगी। साथ ही साथ ऑनलाइन काम करने वाले मीडिया पोर्टल्स पर भी भारतीय सरकार निगरानी रखेगी।

ऑनलाइन मीडिया को ऊल जलूल खबरें डालना पड़ेगा भारी, सरकार की तीखी नजरों से नहीं हो पाएगा बचाव

बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा यह कदम ऑनलाइन मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्म की तरफ बढ़ते रुझान को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। बताया जा रहा है कि सरकार ऑनलाइन मीडिया पर साझा किए जाने वाले कंटेंट को लेकर सक्रीय है।