फरीदाबाद में प्रदूषण का स्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है। इस बढ़ते प्रदूषण ने शहरवासियों को बुरे तरीके से परेशान कर रखा है। इससे जन जीवन अस्त व्यस्त हो चुका है। पर इस बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रण में लाने के लिए सरकारी मुलाज़िमों द्वारा कोई बेहतर कदम नहीं उठाए जा रहे है। प्रदूषण पर अंकुश लगाने का जिम्मा सबसे ज्यादा नगर निगम पर है।
आपको बता दें कि काम के बीच बीते दिनों नगर निगम में काम करने वाले कर्मचारियों ने आराम फरमाना जरूरी समझा। नगर निगम कार्यालय में अपना काम करवाने आए एक शख्स ने बताया कि अधिकारी काफी लापरवाह हो चुके हैं।
कार्यालय में कर्मचारियों की कुर्सियां खाली रही, वहीं कर्मचारी भी कार्यालय से बाहर मैदान में धूप का लुत्फ उठाते नजर आए। आपको बता दें कि निगम कार्यालय में काम करवाने आए लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। लोगों को कई घंटों तक इंतजार करना पड़ा।
जब लोगों ने कर्मचारियों की कुर्सियां खाली होने पर सवाल उठाया तो वहां मौजूद अधिकारियों का कहना था कि साहब लोग बाहर किसी काम से गए हैं। आपको बता दें कि नगर निगम पहले भी कई बार सवालों के कठघरे में घिर चुका है। बीते दिनो नगर निगम कार्यालय के अंदर सामाजिक दूरी की धज्जियां उड़ती हुई देखी गई थी।
निगम कार्यालय में अधिकारी ही सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर पा रहे थे। नगर निगम की नीतियों और घोटालों पर भी कई बार सवाल दागे जा चुके हैं। निगम सदन की बैठक के दौरान भी निगम की नीतियों और घोटालों को लेकर काफी क्लेश मचा था। चाहे स्ट्रीट लाइट का मुद्दा हो या फिर साफ सफाई का क्षेत्रीय पार्षद निगम को हर तरीके से घेरते हुए नजर आए थे।
देखना लाज़मी होगा कि नगर निगम बढ़ते प्रदूषण की तरफ कैसा रुझान रखता है। फरीदाबाद ने प्रदूषण के स्तर में अपना नाम सबसे ऊपर दर्ज करवाया है ऐसे में निगम कैसे प्रदूषण को नियंत्रित करता है यह देखना जरूरी होगा।