बल्लभगढ़ की बीकॉम अंतिम वर्ष की होनहार छात्रा निकिता तोमर हत्याकांड को लेकर लोगों का गुस्सा अभी भी सातवें आसमान पर है। सिर्फ परिवार वाले ही नहीं बल्कि पूरे शहर के लोग निकिता के दोषियों के लिए फांसी की मांग कर रहे हैं। पूरा देश भले ही दीपावली के उत्सव में झूम रहा हो पर बेटी के परिवार वाले इस बार काली दिवाली मनाएंगे।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि निकिता का परिवार इस मुश्किल घड़ी में अकेला नहीं है और वह सब परिवार के साथ है। ऐसे में छात्रा के घर के आसपास के लोगों ने भी अपने घरों पर लाइटिंग ना करने का फैसला किया है। परिजनों के साथ साथ अन्य लोगों का भी कहना है कि बिटिया के हत्यारों को फांसी पर चढ़ाने के बाद ही घरों में घी के दिए जलाए जाएंगे और उसी दिन सच्चे मायने में उनके लिए दीपावली का त्यौहार होगा।
निकिता के मामा एदल सिंह रावत ने बताया कि निकिता की हत्या के बाद सोसायटी के लोगों में गम और गुस्सा भरा हुआ है। परिवार के साथ सांत्वना प्रकट करने के लिए आसपास के लोग घरों के बाहर रंगीन लड़कियां और झालर आदि तक नहीं लगा रहे हैं। पिता मूलचंद तोमर ने बताया 1 सप्ताह पहले ही आरडब्लूए द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया था जिस पर सभी परिवारों ने सर्व सहमति से यह निर्णय लिया था कि सभी घरों में के केवल एक प्रतीकात्मक दीपक ही जलाया जाएगा।
प्रशासन अपनी तरफ से कार्यवाही करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर परिवार वाले अपनी बात पर अडिग है। पुलिस कमिश्नर ओ. पी सिंह की अर्जी के बाद जिला सत्र एवं न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में के माध्यम से प्रतिदिन चलाने का आदेश भी जारी कर दिया है। संभावना है आगामी 2 से 3 महीने के अंदर ही निकिता हत्याकांड के आरोपियों और बिटिया के दोषियों- तौसीफ और रिहान को सजा मिल सकती है।