दीपावली त्यौहार है खुशियों का, रौशनी का। हर व्यक्ति चाहता है की साल में एक बार आने वाला त्यौहार उनका खुशहाल बीते किसी को किसी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पढ़े। लेकिन कभी कभार व्यक्ति खुद की लापरवाही से खुद को नुकसान पहुंचा लेता है।सरकार की और से दीपावली पर पटाके चलने पर बेन लगाया गया था। ताकि लोग सुरक्षित रह सके और प्रदुषण स्तर भी कम रहे है।
लेकिन लोग फिर भी नहीं मानते और सरकार के आदेशों की अवेलना करते हुए खुद को नुकशान पहुंचा रहे है। इस बार दीपावली में आतिशबाजी का रोमांच कई लोगों को भारी पड़ा। आतिशबाजी के दौरान जरा सी असावधानी के चलते कुछ लोगों का हाथ जल गया तो कुछ का चेहरा झुलस गया।
जिले में नागरिक सहित निजी अस्पतालों में करीब 50 मामले पटाखों से जलने के आए हैं। नागरिक अस्पताल में दीपावली की मध्य रात्रि से रविवार दोपहर तक पटाखों से झुलसने के करीब 25 मामले पहुंचे। इसके अलावा इतने की मरीज निजी अस्पतालों की इमरजेंसी में पहुंचे हैं। गनीमत की बात यह रही कि कोई बड़ा झुलसने का मामला नहीं आया।
और आपको बता दे की यह मामले पहली बार नहीं आये है। दीपाली के इस त्यौहार पर हर साल पटाखों से जलने के मामले सामने आते है। हर साल लोग सरकार के आदेशों की अवेलना करते हुए पटाखे जलाते है। औअर खुद को नुकसान पहुंचते है।
इसके अलावा पटाखों के धुएं की वजह से अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में परेशानी हुई है और कई लोगों के एलर्जी की शिकायत हुई थी। नागरिक अस्पताल की इमरजेंसी में सांस एवं एलर्जी वाले करीब 15-20 लोग इलाज के लिए पहुंचे। इन सभी को प्राथमिक उपचार देकर घर भेज दिया गया। स्वास्थ्य विभाग ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए आठ एंबुलेंस नागरिक अस्पताल अस्पताल में तैनात की थी, जबकि जिले के प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों में एक-एक एंबुलेंस तैनात की। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रणदीप सिंह पूनिया ने बताया कि इस बार कम पटाखे चले हैं। इसके चलते कोई भी गंभीर जलने का मामला नहीं आया।