40 दिन बाद चैन की सांस ले रहे हैं शहर वासी, प्रदूषण को निगल गई बारिश

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रविवार को हुई झमाझम बारिश के बाद प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। दिवाली के बाद हुई बारिश ने प्रदूषण की मात्रा को नियंत्रित कर दिया है। दीपावली से पूर्व ही क्षेत्र में प्रदूषण की मात्रा बढ़ने लग गई थी। क्षेत्र में कोहरनुमा प्रदूषण को देखा व महसूस किया जा सकता था।

इस दौरान यात्रियों को और काम के लिए घर से बाहर निकलने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही थी और उसके साथ क्षेत्र में रहने वाले बुज़ुर्ग भी काफी बीमार पड़ रहे थे।

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ऐसे में दिवाली के बाद हुई बारिश ने मौसम को खोलने के साथ ही प्रदूषण के दाग को धो दिया है। बारिश से शहर की हवा कुछ हद तक सांस लेने लायक बन गई है। 40 दिन बाद जिले में प्रदूषण की मात्रा पर काबू पा लिया गया है। प्रदूषण का स्तर मध्यम श्रेणी तक पहुंचा है और एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 से नीचे जा चुका है।

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बात की जाए हवा की गुणवत्ता की तो उसकी हालत में बारिश होने से सुधार आया है। बात की जाए बल्लभगढ़ की तो कुछ समय पहले तक यह क्षेत्र काफी प्रदूषित था। हाल फिलहाल जब हवा की गुणवत्ता का ब्यौरा लिया गया तब पाया गया कि बल्लभगढ़ में प्रदूषण की मात्रा संतोषजनक स्थिति में पहुँच गई है।

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आपको बता दें कि अक्टूबर माह की शुरुआत से ही क्षेत्र में प्रोषण की मात्रा अपने चरम पर पहुंच गई थी। बढ़ते प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए 15 अक्टूबर से ही दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू कर दिया गया था। यह प्लान लागू होने के बाद से ही प्रशासन की तरफ से प्रदूषण को नियंत्रण में लाने के लिए प्रयास किए जा रहे थे।

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लेकिन कार्य प्रणाली के कदम उठाए जाने के बावजूद कोई फायदा नहीं हो पा रहा था। दिवाली की रात हुई आतिशबाजी ने भी प्रदूषण की मात्रा में बढ़ोतरी कर दी थी जिसके बाद पॉल्यूशन की मात्रा 414 हो गई थी। ऐसे में झमाझम हुई बारिश के बाद प्रदूषण पर काबू पा लिया गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्राण बोर्ड की तरफ से जारी होने वाले आंकड़ों के अनुसार सोमवार को एफक्यूआई 200 से नीचे पहुँच गया।