अग्रिम 6 महीने में होगा रानी की छतरी और शाही तालाब का जीर्णोद्धार, आमजन के लिए खुलेंगे द्वार

0
450

अक्सर ऐतिहासिक वस्तुएं और इतिहास आमजन को बेहद भाती है। हर किसी को अपनी इतिहास को जानने की बड़ी उत्सुकता होती है। वही फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में भी काफी ऐतिहासिक नजारे हैं जो आमजन को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।

इन्हें में एक नेशनल हाईवे किनारे बनी रानी की छतरी भी है जिस का महत्व ऐतिहासिक समय वे बेहद माना जाता है। जल्दी रानी की छतरी और शाही तालाब के कार्य को पूर्ण करते हुए 6 महीने के भीतर इसे आमजन के दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा। वही इसके इतिहास की बात करें तो इसका अलग एक स्वरूप देखने को मिलता है।

अग्रिम 6 महीने में होगा रानी की छतरी और शाही तालाब का जीर्णोद्धार, आमजन के लिए खुलेंगे द्वार

दरअसल रानी की छतरी और शाही तालाब के रिनोवेशन के लिए मंजूरी देते हुए करीबन 1 करोड़ 77 लाख की लागत से निर्माण कार्य को शुरू करवाया गया था। वहीं इस कार्य को पूर्ण रूप से कराने का कार्यभार नगर निगम के कंधों पर डाला गया है।

क्या है रानी की छतरी का रहस्य

बल्लभगढ़ के राजा नाहर सिंह 1857 की क्रांति के अग्रणी पंक्ति के योद्धा थे। उनका महल आज भी उनकी वीर गाथा बताता है। कहा जाता है कि रानी यहां बने तालाब में स्नान करने के बाद छतरी के ऊपर पूजा किया करती थी।

उन्होंने दिल्ली के बादशाह बहादुर शाह जफर का साथ दिया था। अंग्रेजों ने उन्हें 9 जनवरी 1858 को दिल्ली के लाल कुआं चौक पर फांसी पर लटकाया था।

बीते कुछ महीनों पहले विधायक मूलचंद शर्मा ने रेनोवेशन के कार्य का शिलान्यास करते हुए कहा कि इसके रेनोवेशन के लिए उन्होंने 24 अप्रैल 2017 को बल्लभगढ़ अनाज मंडी में आए सीएम मनोहर लाल से रैली के दौरान 1.50 करोड़ रुपये देने की मांग की थी। योजना की राशि नगर निगम के पास आने के बाद अब काम शुरू हो चुका है।

अग्रिम 6 महीने में होगा रानी की छतरी और शाही तालाब का जीर्णोद्धार, आमजन के लिए खुलेंगे द्वार

इस धरोहर में धौलपुर का नक्काशीदार पत्थर, 3 हाई मास्ट लाइट व तालाबों का रेनोवेशन होगा। यह काम एक साल में पूरा होगा। वहीं अब इसे पूरा होने में लगभग 6 महीने का समय लगेगा और जल्द ही इसका काम पूरा भी कर लिया जाएगा।

पूरा हो चुका है रानी की छतरी का 50% और तालाब का 70% कार्य

दरअसल, वैसे तो यह कार्य पिछली सर्दियों में पूरा कर दिया जाना था, लेकिन एनजीटी के आदेश के चलते और बढ़ते प्रदूषण के कार्य कार्य पर लगाम लगा दिया गया था। वहीं बाद में आर्थिक समस्या भी पैदा हो गई। जिसके चलते यह कार्य बीच में ही रोकना पड़ गया। ऐसे में अब एक बार फिर से कार्य शुरू कर दिया गया है,

जिस से उम्मीद लगाई जा रही है कि जल्दी 6 महीने के अंदर यह कार्य संपन्न हो जाएगा। और एक बार फिर ऐतिहासिक नगरी में इतिहास की झलकियां देखने को मिल सकेंगी। वही कार्य की बात करें तो रानी की छतरी का कार्य आधा यानी 50% तक पूरा हो चुका है वहीं शाही तालाब का कार्य भी 70% तक हो चुका है। यानी आने वाले समय में जल्द ही यह कार्य पूर्ण हो जाएगा।