जहां इस समय भारत में कोरोना वायरस के कारण देशभर में हलचल मची हुई है वही जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा तैयार किए गए आतंकी अभी भी अपने गंदे मंसूबों को अंजाम देने की तैयारी में लगे हुए हैं जिसके चलते बीते कुछ दिनों में कई आतंकवादियों को सेना द्वारा ढेर भी किया जा चुका है।
अभी हाल में सेना द्वारा ढेर किए गए हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी रियाज नायकु का शव उसके परिवार को न सौंपे जाने का बड़ा फैसला सेना द्वारा लिया गया है जिसके तहत कार्यवाही पूरी किए जाने के बाद सेना द्वारा स्वयं आतंकवादी के शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस फैसले के बाद घाटी में सेना द्वारा मारे गए आतंकियों को उनके जनाजे में हीरो के रूप में प्रस्तुत कर अन्य नौजवानों को आतंकी बनने के लिए प्रेरित करने की आतंकवादी संघटनो की मुहिम पर लगाम लगाने में काफी मदद मिलेगी।
दरअसल कुछ दिनों पहले मारे गए पाकिस्तानी आतंकवादी के जनाजे में सैकड़ों लोग एकत्रित हुए थे जिसके बाद सेना द्वारा यह बड़ा फैसला लिया गया कि अब से मारे गए किसी भी आतंकवादी का शव उनके परिवार जनों को नहीं सौंपा जाएगा क्योंकि किसी भी आतंकवादी के मारे जाने के बाद उसके शव का प्रयोग नए आतंकवादियों की भर्ती के लिए किया जाता किया जाता है। आतंकवादी के जनाजे में सैकड़ों लोगों को इकट्ठा कर मारे गए आतंकवादी को हीरो के रूप में प्रस्तुत कर घाटी के अन्य लोगों को आतंकवादी बनने के लिए उकसाया जाता है।
मारा गया आतंकी रियाज नायकु भी पहले एक आतंकवादी के जनाजे में शामिल हुआ था जिसमें उसने राइफल से फायरिंग भी की थी इसी लिए आतंकियों की इस मुहिम पर लगाम लगाने के लिए सेना ने यह बड़ा फैसला लिया है और आतंकवादियों के शवों को उनके परिजनों को सौंपने पर रोक लगा दी है। सेना का कहना है कि परिवारजनों के कहने पर उनसे डीएनए सैंपल लेकर केवल आतंकी के मृत होने की सूचना उन्हें दे दी जाएगी इसके अतिरिक्त शव का अंतिम संस्कार सेना की देखरेख ने किया जाएगा जिसमें परिवार के किसी भी व्यक्ति को शामिल होने की अनुमति नहीं होगी।
बुधवार को आतंकवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन के दौरान जब सेना ने रियाज नायकों के साथ एक अन्य आतंकी को ढेर किया तो कहा कि उनके लिए कोई भी आतंकी बड़ा या टॉप कमांडर नहीं उनके लिए एक आतंकी केवल आतंकी है जिनको खत्म कर घाटी से आतंकवाद को खत्म करना ही उनका मकसद है।