आर्थिक तंगी से जूझ रहे नगर निगम की हालत लगातार खराब होती जा रही है। दिन पर दिन बढ़ती आर्थिक तंगी से नगर निगम का हाल बेहाल है। स्थिति यहां तक पहुंचाई है कि नगर निगम के पास कर्मचारियों को वेतन देने तक के लिए पर्याप्त फंड नहीं है और वेतन की रकम जुटाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
दरअसल नगर निगम के आय के साधन कम होते जा रहे हैं तो दूसरी और खर्चे लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि जितने भी फंड कलेक्शन के रिसोर्सेज हैं वह सभी सरकार के अंडर जाते जा रहे हैं। जिससे निगम की कमाई के जरिए बंद होते जा रहे हैं और यही कारण है जिसकी वजह से निगम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि इस कंगाली को दूर करने के लिए नगर निगम ने अब नई तरकीब निकाली है। निगम ने राज्य सरकार से स्टैंप ड्यूटी के रूप में बकाया करीब 1 से 3 करोड़ रुपए की मांग की है और उम्मीद लगाई जा रही है कि इससे निगम की आर्थिक स्थिति ठीक हो सकेगी। बता दें कि नगर निगम उपयुक्त की तरफ से इस संबंध में एक पत्र भी सरकार को भेजा गया है जिसमें इस बात की सूचना दी गई है महामारी के कारण स्थिति और भी गंभीर हो गई है। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार निगम के पास पैसे कमाने का प्रॉपर्टी टैक्स ही एक जरिया है।
इतना ही नहीं अधिकारियों ने सीधे-सीधे सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार धीरे-धीरे नगर निगम की आय के साधन खत्म करती जा रही है। जिससे हालत कुछ ऐसी हो गई है कि निगम अपने कर्मचारियों को वेतन भी समय पर नहीं दे पा रहा है। निगम अधिकारियों का कहना है कि जनरल फंड से निगम ने विकास कार्य करना बंद किया है |
यही कारण है कि शहर की खस्ता हालत सड़कों की मरम्मत भी नहीं करवाई जा सक रही है। हार्डवेयर-पाली रोड, हार्डवेयर सोना रोड, सेक्टर 12 मुख्य सड़क की हालत खस्ता है। स्थिति से निपटने के लिए निगमायुक्त ने टाइम ड्यूटी के रूप में मिलने वाली फीस का बकाया पैसा सरकार से मांगा है।