नॉएडा में विवाह कराने के लिए अब आयु प्रमाण पत्र कराना अनिवार्य होगा। पंडित, मौलवी, पादरी व गुरुद्वारों के ग्रंथी बिना आयु प्रमाण पत्र के विवाह संपन्न नहीं करवा सकेंगे। यह कदम जिले में बाल विवाह पर अंकुश लगाने के लिए उठाया जा रहा है।
पुलिस ने दिशा निर्देश जारी किए हैं कि जल्द से जल्द आयु प्रमाण पत्रों की जांच प्रक्रिया को अमल में लाया जाए। जिसमें शादी कराने वाले पंडित या अन्य को विवाह कराने से पहले लड़के और लड़की की उम्र के प्रमाण पत्र देखने महत्वपूर्ण हैं जिससे उनकी सही उम्र का पता लगाया जा सकेगा।
आपको बता दें कि पुलिस उपायुक्त मुख्यालय ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय द्वारा जारी किए गए निर्देशों को सभी थाना प्रभारियों से सख्ती से लागू करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने उच्च न्यायालय चंडीगढ़ द्वारा बाल विवाह पर विराम लगाने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि ज्यादातर मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा व गिरजाघर विवाह करवा रहे हैं।
तहकीकात करने से पता लगता है कि गुरुद्वारा, मस्जिद या फिर अन्य धर्म स्थलों द्वारा शादी से संबंधित कोई भी रिकॉर्ड जैसे जन्म प्रमाण पत्र, दसवी कक्षा की मार्कशीट, आधार कार्ड, मतदाता कार्ड आदि नहीं लिए जाते। बिना प्रमाण पत्र के लड़का व लड़की की उम्र का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता, जिसके चलते बाल विवाह हो जाता है।
बाल विवाह कराने और उसमें शामिल होने पर भी सजा का प्रावधान बना हुआ है। बाल विवाह कराने पर 2 साल का कारावास या एक लाख रुपये तक का जुर्माना व दोनों लगाए जा सकते हैं। जो बाल विवाह करता है, करवाता है या आदेश देता है उसे भी दंड मिलने का प्रावधान लागू किया जा रहा है।
ऐसे में विवाह या निकाह कराने से पहले पंडित, मौलवी, ग्रंथी व पादरी को लड़का-लड़की का जन्मप्रमाण पत्र अवश्य देखना चाहिए। एक उचित रजिस्टर बनाना अनिवार्य होगा। विवाह प्रमाण पत्र में लड़के और लड़की की तस्वीर के अलावा दिए गए दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, मतदाता कार्ड, दसवी कक्षा की अंकतालिका, जन्म प्रमाण आदि के बारे में लिखा होगा और इस तरह के दस्तावेज की प्रतिलिपी काउंटर फाइल में चिपकाई जाएंगी। इन दस्तावेज का रखरखाव भी अनिवार्य होगा।