प्रतिबंधों की वजह से राज्य में क्राइम हुए कम ।

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फरीदाबाद: हरियाणा पुलिस विभाग द्वारा 25 मार्च, 2020 से राज्यव्यापी लाकॅडाउन के दौरान लागू किए गए विभिन्न प्रतिबंधों के परिणामस्वरूप, प्रदेश में अप्रैल 2020 माह के दौरान विभिन्न जघन्य अपराधों में भारी गिरावट दर्ज की गई है।


पुलिस कर्मियों द्वारा गश्त बढ़ाते हुए अंतर-राज्यीय और अंतर-जिला नाकों की स्थापना और सार्वजनिक स्थानों पर आवाजाही का दायरा कम होने के कारण अपराध के विभिन्न श्रेणियों में अप्रैल 2020 के दौरान एक प्रभावशाली और अभूतपूर्व गिरावट आई है।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), हरियाणा, श्री मनोज यादव ने इस संबंध में जानकारी देते हुए आज यहां बताया कि अप्रैल 2020 के दौरान पिछले साल इसी अवधि की तुलना में क्राईम अगेंस्ट पर्सन्स के मामलों में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। इसी अवधि में, हत्या के मामलों की संख्या गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में 94 से घटकर 49 रह गई जो 47.9 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है। चोटिल होने के मामले (साधारण और गंभीर दोनों तरह की चोट) अप्रैल 2019 में दर्ज 221 से घटकर इस वर्ष 149 हो गए, जिसके परिणामस्वरूप 32.6 प्रतिशत की गिरावट आई।


लड़कों और पुरुषों के अपहरण की वारदातें भी अप्रैल 2019 के 44 से घटकर 2020 में सिर्फ 7 ही रह गई, जोकि 84 प्रतिशत कम है। धारा 346 के तहत दर्ज होने वाले गलत तरीके से कारावास के मामलों में 740 केस (76.7 प्रतिशत) की भारी गिरावट आई है, जो अप्रैल 2019 के 965 मामलों से घटकर इस साल 225 रह गए हैं। इसी प्रकार, क्रिमिनल ट्रैसपास की वारदातों में गत माह इसी अवधि के दौरान 75 मामलों (47 प्रतिशत) की गिरावट देखी गई।


इसी प्रकार, जहां तक संपत्ति के खिलाफ अपराध की बात है, अप्रैल 2020 में सेंधमारी के मामलों में 35 फीसदी की गिरावट आई है। अप्रैल 2019 में 556 मामलों की तुलना में इस साल अप्रैल में केवल 358 मामले दर्ज किए गए। हालांकि, चोरी की वारदातों ने अपराध में भारी गिरावट को स्पष्ट किया है जो अप्रैल 2019 में दर्ज 1961 मामलों से इस सालघटकर 355 रह गए। चोरी के मामलों में 1606 केसों (82 प्रतिशत) की गिरावट अभूतपूर्व है। मोटर वाहन चोरी के मामले जो अप्रैल 2019 में 1424 थे, अप्रैल 2020 में घटकर मात्र 217 रह गए।


हालांकि, अपराध की कुछ श्रेणियां इस गिरावट की प्रवृत्ति के अनुरूप नही रही हैं। उदाहरण के तौर पर, गैरकानूनी असेंबली के मामले इसी अवधि में 151 से बढकर 159 हो गए, जो पुलिस द्वारा विभिन्न जिला मजिस्ट्रेटों सेे सीआरपीसी की धारा 144 के तहत जारी प्रतिबंधात्मक आदेशों के उल्लंघन करने पर दर्ज किए गए मामलों का एक परिणाम है। आईपीसी की धारा 188 (कानूनन आदेशों का उल्लंघन) के तहत दर्ज मामलों में तेज उछाल आया क्योंकि पुलिस ने आपदा प्रबंधन अधिनियम और हरियाणा महामारी नियमन 2020 के तहत जारी प्रतिबंधात्मक आदेशों का उल्लंघन करने के लिए विभिन्न व्यक्तियों के खिलाफ 2681 मामले दर्ज किए, जबकि गत वर्ष अप्रैल में केवल 26 मामले दर्ज किए गए थे।
हालांकि, तुल्नात्मक आंकडों के अनुसार हत्या के प्रयास के मामले कमोबेश ऐसे ही बने रहे, जो 64 से घटकर इस साल 62 रह गए। इसी अवधि के दौरान दहेज हत्या के मामले 24 से कम होकर 22 दर्ज हुए। धोखाधड़ी के मामलों में भी अधिक गिरावट नहीं हुई क्योंकि अप्रैल 2019 में 293 मामलों की तुलना में अप्रैल 2020 में 287 मामले दर्ज किए गए।


डीजीपी ने चेताया कि गंभीर अपराधों में आई गिरावट एक अस्थायी घटना है क्योंकि यह असााधारण परिस्थितियों में हुआ है। उन्होंने जनता को चेताया कि लॉकडाउन खुलते ही अपराध में उछाल आएगा। उन्होंने कहा कि सभी पुलिस इकाइयों को इस संबंध में बहुत सावधानी बरतने के आदेश जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि लॉकडाउन के खुलने पर अपराध का शिकार होने से बचने के लिए सभी नागरिकों को अधिकतम सावधानी और सतर्कता बरतने के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की जाएगी।

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