किसी भी परिवार की नींव माने जाते है बुजुर्ग।कहा जाता है कि इनका ख्याल हमे बच्चो की तरह रखना चाहिए।क्योंकि बुढ़ापे में हर किसी का दिमाक बच्चो की भांति हो जाता है ।इसलिए भुडापे में हमे अपने बुजुर्गों का विशेष विषेस ध्यान रखने की जरूरत होती है ।और अब तो ऐसा वक़्त आ गया है कि हमे और भी ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत है ।क्योंकि अब अपराध करने वाले अपराधी बुजुर्गों को भी नही बक्श रहे है ।
चार्मवुड विलेज में बुजुर्ग गुरुबचन सिंह का अपहरण कर हत्या के मामले ने शहर में अकेले रह रहे बुजुर्गों की सुरक्षा की तरफ ध्यान खींचा है। पिछले कुछ दिनों में बुजुर्गों के साथ आपराधिक वारदातों में बढ़ोतरी हुई है। अगर आपके घर में कोई बुजुर्ग है तो सतर्क होने की जरूरत है।
इस साल बदमाशों ने 20 से ज्यादा बुजुर्गों के साथ लूट, झपटमारी और ठगी की वारदात कीं। इनमें भी बुजुर्ग महिलाओं की संख्या ज्यादा है। इसके बावजूद पुलिस के पास बुजुर्गों के साथ होने वाली वारदातों से निपटने की कोई ठोस रणनीति नहीं हैं।
लाखों की आबादी वाले अपने शहर में हजारों ऐसे बुजुर्ग हैं जो परिवार के सदस्यों के कार्यालय या काम पर जाने से घर में अकेले रह जाते हैं। या बच्चे विदेश में हैं और वे यहां अकेले रह रहे हैं। जरूरी कामों के लिए वे घरों से अकेले ही बाहर निकलते हैं। उनसे पता पूछने के बहाने, आशीर्वाद देने के बहाने, सुरक्षा का हवाला देकर, खुले रुपये होने के बहाने ठग अपना काम कर जाता है। जरूरत है कि बुजुर्ग घर से बाहर निकलते समय सावधान हों।
ठगी से बचने के लिए क्या करें बुजुर्ग :
- अगर कोई पुलिसकर्मी बनकर आभुषण बैग में रखने को कहता है तो तुरंत सतर्क हाे जाएं, यह निश्चित तौर पर ठगों का गिरोह है।
- बेहतर होगा कि घर से बाहर जाते समय सोने के आभूषण पहन कर न निकलें। अगर आभूषण पहने हुए हैं तो उन्हें चुन्नी से ढंककर रखें।
- घर से निकलते समय याद रखें कि सारे रुपये पर्स में न रखें। किसी दुकान या फिर अन्य कहीं पेमेंट करते समय सावधानी बरतें। दूसरे लोगों को आभास नहीं होना चाहिए कि आपके पास कितने रुपये हैं।
- अगर कोई आपको रास्ते में रोक कर बेटे या परिवार के किसी अन्य सदस्य का जानकार बताता है तो पूरी तहकीकात करें और घर में आकर मिलने को कहें।
- बैंक से पैसे लेनदेन करते समय और शॉपिंग के दौरान परिवार के किसी सदस्य को साथ रखें तो ज्यादा बेहतर हैं।
बीट स्तर पर तैनात पुलिसकर्मियों को अपने क्षेत्र में अकेले रह रहे बुजुर्गों की सूची बनाने और उनसे लगातार मिलने व बातचीत के लिए कहा गया है। हमारे पास सीनियर सिटिजन सेल भी है, उसे सक्रिय कर बुजुर्गों को जागरूक करने का काम सौंपा जाएगा।