करोना संक्रमण के मामले हरियाणा राज्य में जिस तेज रफ्तार से बढ़ रहे हैं उससे संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ गया है। हाल ही में संक्रमण के दर्जनों मामले सामने आने से राज्य में हड़कंप मच गया है। महामारी के मामलों के आंकड़े ऐसे हैं कि सरकार के भी पसीने छूट रहे हैं। संक्रमण के खतरे को नियंत्रण में करने के लिए सरकार अपनी तरफ से हर संभव प्रयास और कोशिश करने में जुटी है।
वहीँ सीएम मनोहर लाल खट्टर व गृहमंत्री अनिल वैद्य का कहना है कि कोरोना इस संक्रमण को रोकने के और में इस महामारी को नियंत्रण में करने के केवल दो ही रास्ते हैं। पहला रास्ता स्वयं पर सख्ती गाइडलाइंस और दिशा निर्देश का पालन या दूसरा रास्ता एक बार फिर प्रदेश में लॉक डाउन की स्थिति। राज्य गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि अब विकल्प चुनना प्रदेश की जनता पर निर्भर करता है यदि सख्ती से सरकार द्वारा जनहित में जारी दिशा निर्देशों और गाइडलाइंस का पालन किया जाए तो इस वैश्विक महामारी से निपटा जा सकता है।
अन्यथा सरकार के पास एक बार फिर लॉकडाउन की घोषणा करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं रह जाएगा। बता दें कि 1 दिन में अब तक के सबसे ज्यादा टेस्ट किए जा चुके हैं हरियाणा प्रदेश में 1 दिन में 35000 टेस्ट किए गए हैं। जिनमें 2744 के नए केस पाए गए हैं इतना ही नहीं इनमें से 30 लोग अपनी जान से हाथ भी धो बैठे हैं। ऐसे में स्थिति को नियंत्रण में करना सरकार की प्राथमिकता भी है और एक चुनौतीपूर्ण कार्य भी।
महामारी के नए केस के ग्रोथ रेट की बात करें तो हरियाणा देशभर में केवल 1 महीने में नौवें से तीसरे स्थान पर आ गया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में करुणा संक्रमण की समस्या कितना गंभीर रूप ले चुकी है। हरियाणा में 1.2% की दर से नए के 1 सप्ताह में बड़े हैं इन आंकड़ों को हल्के में लेना सरकार और प्रदेशवासियों के लिए बहुत घातक हो सकता है।