समय के साथ धीरे धीरे हर चीज बदलती जा रही है। फिर जाहे वो आम जन का रहन सहन हो या बच्चो की पढ़ाई।अब सारे कार्य ऑनलाइन होते जा रहे है।एक तरफ से देखा जाये तो इसके फायदे भी काफी है और साथ ही इसके नुक्सान भी उतने ही ज्यादा है। सभी कार्य ऑनलाइन होने के कारण साइबर ठगी की वारदात भी बढ़ती जा रही है।
महामारी के चलते स्कूल बंद है और बच्चों की पढ़ाई आनलाइन कक्षाओं से हो रही है। साइबर ठगों ने भी इसका फायदा उठाने की तरकीब निकाली है। गेमिंग फिशिंग के जरिये बच्चों को फंसाकर वे लोगों के खाते साफ करने की फिराक में हैं। इसी बीच साइबर थाना लोगो के लिए वरदान के रूप में साबित हो रहा है।
साइबर क्राइम की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए अब थानों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कोई भी पीड़ित घर बैठे अपने मोबाइल या कंप्यूटर से अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करा सकेगा। इसके लिए नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) की सेवाएं शुरू कर दी गई है। इस व्यवस्था के तहत जिले के सभी थाना प्रभारियों को लॉगिन आईडी दे दी गई।
पुलिस अधीक्षक (शहर) को इस पोर्टल के लिए जिले का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। वहीं राज्य में पोर्टल के नोडल अधिकारी पुलिस महानिदेशक होंगे। इस सेवा के शुरू होने से एक तरफ पीड़ितों को सुविधा हो जाएगी, वहीं सभी थाना प्रभारियों की जिम्मेदारी तय होने से जालसाजों के लिए देश के किसी भी हिस्से में पुलिस से बच पाना मुश्किल हो जाएगा।
ऐसे काम कर रहा है पोर्टल : पुलिस अधीक्षक (शहर) श्लोक कुमार सिंह के मुताबिक इस व्यवस्था से साइबर अपराध के मामले केंद्रीकृत हो जाएंगे। सभी मामलों को दिल्ली से देखा जाएगा। मामला जहां से संबंधित होगा, वहां के थाना प्रभारी को पोर्टल के जरिए ही गाइडलाइन मिलेगी।
अलग से थाना खोलने की आवश्यकता नहीं
पुलिस अधीक्षक (शहर) श्लोक कुमार सिंह के मुताबिक नई व्यवस्था के तहत अब विभिन्न जिलों में अलग से साइबर थाना खोलने की आवश्यकता नहीं रह गई है। दरअसल यह सारा काम एनसीआरपी के जरिए ही हो जाएंगे।
ऐसे दर्ज कराएं शिकायत
नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने के लिए सबसे पहले https://cybercrime.gov.in खोलना होगा। इस पोर्टल पर दो विकल्प मिलेंगे। पहले विकल्प में साइबर क्राइम की जानकारी दी गई है, वहीं दूसरे विकल्प पर क्लिक करते ही एक नया विंडो खुलेगा। इस पर क्लिक करने पर दो विकल्प मिलेंगे, पहला विकल्प महिला अपराध से संबंधित साइबर क्राइम का होगा, जबकि दूसरा विकल्प अन्य प्रकार के साइबर क्राइम के लिए है।